जबलपुर।जिले के शाहपुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खैरी में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिसमें एक मजदूर सुखचैन बर्मन ने अपने ही घर को गिरा दिया. सुखचैन बर्मन का कहना है कि 'वह बीते 2 सालों से अपने घर में निकलने वाली काली चीटियों से परेशान था. यह बड़े साइज के चीटे, उसे जीने नहीं दे रहे थे, उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं, उन्हें यह काटते थे. उसने बहुत कोशिश की, लेकिन यह चीटें खत्म नहीं हो रहे थे. उसने कई बार इनको खत्म करने के लिए पाउडर डालें. दूसरे उपाय किए, जब कुछ नहीं हुआ तो घर ही गिरा दिया.
चाटियों से परेशान किसान सुखचैन
घरों में अक्सर चीटियां निकल आती हैं. शहरी इलाकों में पक्के घरों में रहने वाले लोगों को इस बात का आभास कम है, लेकिन गांव में यह छोटा सा प्राणी लोगों को बहुत परेशान करता है. अक्सर लोगों के खाने-पीने के समान को बर्बाद कर देते हैं. वहीं यदि जरूरत से ज्यादा हो जाए तो लोगों का जीना तक दूभर हो जाता है. सुखचैन इसी का एक उदाहरण है. सुखचैन मजदूरी करता है. वह एक खेतीहर मजदूर है. इसलिए उसकी आमदनी बहुत कम है. इसी वजह से वह पक्का घर कभी नहीं बना पाया. गांव में बाकी लोगों को प्रधानमंत्री आवास के पक्के घर मिले हैं, लेकिन सुखचैन को यह सुविधा भी नहीं मिल पाई.
सुखचैन को पक्के मकान की दरकार