जबलपुर। जिले में कई निजी स्कूल खुलेआम फीस व ड्रेस के नाम पर लूट कर रहे थे. इस मामले में जिला कलेक्टर के द्वारा लगातार ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इनकी बारीकी से जांच करके बताया कि लूट करने वाला जेल जाएगा और जबलपुर के 11 स्कूलों के ट्रस्टी प्रबंधक और प्राचार्य को जेल भेज दिया गया है. बहुत सारे लोगों को अभी भी पकड़ने की कार्रवाई जारी है. इस घटना के बाद निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इस बात की उम्मीद है कि उनकी बढ़ी हुई फीस या तो घट जाएगी या वापस हो जाएगी.
बढ़ी हुई फीस को वापस करने के निर्देश
जिला कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने जबलपुर के 1 हजार से ज्यादा निजी स्कूलों को चेतावनी दी है कि एक माह के अंदर छात्र-छात्राओं की बढ़ी हुई फीस को वापस कर दें. इसके साथ ही सही ऑडिट रिपोर्ट पेश करें. गौरतलब है कि जबलपुर में डीएम ने 11 स्कूलों के खिलाफ फीस वृद्धि के मामले में जांच शुरू की थी. इसके तहत मध्य प्रदेश निजी स्कूल अधिनियम 2017 के अनुसार जो नियम बनाए गए थे, उन नियमों को आधार बनाकर स्कूलों की जांच की गई. आपको बता दें कि इस अधिनियम के तहत कोई भी निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकता है. यदि किसी स्कूल को पिछले वित्त वर्ष में 15% का लाभ हुआ है तो स्कूल को फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं है. यदि स्कूल ने छात्रों के लिए कोई नई सुविधा विकसित की है, तो मात्र 10% तक ही फीस बढ़ाई जा सकती है, इससे ज्यादा यदि बढ़ाना है तो इसके लिए राज्य शासन से अनुमति लेनी होगी.
11 स्कूलों के खिलाफ की गई कार्रवाई