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स्कूल फीस मामले में जबलपुर जिला प्रशासन फिर सख्त, स्टूडेंट्स को वापस करने होंगे 54 करोड़ - Collector Action Private Schools - COLLECTOR ACTION PRIVATE SCHOOLS

जबलपुर में निजी स्कूलों पर एक बार फिर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए 8 निजी स्कूलों की सूची जारी की है. इसमें छात्रों से 54 करोड़ रुपये ज्यादा फीस ली गई है. जिसे वापस करने के आदेश जारी किए हैं. ऐसे स्कूलों पर 2-2 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

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निजी स्कूलों के खिलाफ कलेक्टर का एक्शन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 2:18 PM IST

जबलपुर: जिला प्रशासन ने एक बार फिर निजी स्कूलों के ऊपर लगाम करते हुए 8 निजी स्कूलों की सूची जारी की है. जिसमें यह कहा गया है कि इन स्कूलों ने लगभग 54 करोड़ रूपया अतिरिक्त फीस वसूली है जो बच्चों को वापस की जाए. स्कूलों ने गैर कानूनी तरीके से ये फीस वसूली है इसलिए हर स्कूल पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जबलपुर में इस तरह की कार्रवाई पहले भी हो चुकी है.

स्कूल फीस मामले में जबलपुर जिला प्रशासन फिर सख्त (ETV Bharat)

8 स्कूलों के खिलाफ आदेश जारी

जबलपुर जिला समिति ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में 8 स्कूलों का नाम है. जिसमें इन स्कूलों से कहा गया है कि वह छात्र-छात्राओं की 54 करोड़ रुपये की राशि वापस करें. यह राशि इन स्कूलों ने छात्र-छात्राओं से वसूली है. जिला समिति के अनुसार यह राशि नियम विरुद्ध तरीके से वसूली गई है. इसके साथ ही जिला समिति ने इन सभी 8 स्कूलों पर दो-दो लाख रुपए की पेनाल्टी भी लगाई है.

8 स्कूलों के खिलाफ जबलपुर जिला समिति ने जारी किया आदेश (ETV Bharat)
वापस करनी होगी छात्रों से वसूली गई 54 करोड़ फीस (ETV Bharat)

8 स्कूलों की लिस्ट

  • माउंट लिटरा ज़ी स्कूल जबलपुर
  • विजडम वैली स्कूल शास्त्री नगर
  • विजडम वैली स्कूल कटंगा
  • स्प्रिंग डे स्कूल आधारताल
  • अजय सत्य प्रकाश स्कूल पनागर
  • सत्य प्रकाश स्कूल पॉलीपटर
  • क्राइस्ट चर्च जबलपुर
  • सेंट अलेसिस पनागर
  • सेंट जोसेफ ट्रॉपिकल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट

स्कूलों के लिए फीस निर्धारित

जिला शिक्षा समिति ने इन सभी स्कूलों के लिए नई फीस भी निर्धारित की है. स्कूलों द्वारा ली जा रही फीस और जिला समिति द्वारा ली जा रही फीस में हर क्लास में प्रतिवर्ष लगभग 10000 रुपए तक का फर्क है. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेनाने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यदि निजी स्कूल फीस बढ़ा रहा है तो उसका कोई वाजिब कारण उसे बताना होगा. यदि स्कूल में फैसिलिटी बढ़ाई जा रही है या स्कूल के किसी दूसरे जायज खर्चे में यह पैसा खर्च किया जा रहा है तो ही स्कूल अपनी फीस बढ़ा सकता है. इन सभी स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट में जिला प्रशासन ने पाया है कि इन स्कूलों ने फीस बढ़ाने के पीछे कोई तार्किक बात नहीं की है बल्कि इसके जरिए लाभ उठाया है. निजी विद्यालय अधिनियम में यह स्पष्ट है कि स्कूल लाभ का व्यापार नहीं सेवा का व्यापार है.

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हाईकोर्ट में लंबित है मामला

इसके पहले भी जबलपुर जिला समिति ने शहर के अलग-अलग स्कूलों के फीस का निर्धारण किया था और अतिरिक्त फीस वापस करने के आदेश दिए थे. इस मामले में स्कूल प्रबंधकों ने हाईकोर्ट में अपील लगाई है और फिलहाल मामला हाई कोर्ट में चल रहा है इसके पहले गैर कानूनी तरीके से पुस्तकों और ड्रेस मटेरियल में साठ गांठ के आरोप में 20 लोगों को जेल भी जाना पड़ा है. इनमें से कुछ लोगों को जमानत मिल गई है और कुछ लोग अभी भी जेल में बंद हैं.

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