जबलपुर: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े छठ पूजन के आयोजन की पूरी तैयारी कर ली गई हैं. जबलपुर में 18 स्थानों पर छठ पूजन का आयोजन किया जा रहा है. खासतौर पर नर्मदा नदी के घाटों पर बड़े पैमाने पर पूजा-अर्चना की जाएगी. इसके बाद से ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. इस अवसर पर ईटीवी भारत ने जबलपुर के अजय सिंह के परिवार में जाकर खरना पूजा के रस्म की जानकारी ली.
4 दिनों तक चलता है छठ का त्योहार
बिहार के सासाराम से जबलपुर में आकर बसे अजय सिंह और उनकी पत्नी छठ का व्रत करते हैं, इसलिए बुधवार को उनके घर पर उनके परिजन आए और सभी ने मिलकर खरना पूजा की. अजय सिंह ने बताया, ''छठ का त्योहार 4 दिनों तक चलता है. धार्मिक आस्था के साथ ही यह शरीर के शुद्धिकरण का एक व्रत है. पहला दिन नहाए खाए के साथ शुरू होता है. इसमें किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और बेहद सादा भोजन ग्रहण किया जाता है.''
दूसरे दिन की जाती है खरना पूजा
दूसरा दिन खरना पूजा का होता है, इसमें खीर पूरी का भोग लगाया जाता है और बस यहीं से निर्जला व्रत की शुरुआत होती है. यह व्रत लगातार 36 घंटे तक चलता है. इस व्रत को करने वाले लोग गुरुवार शाम को जबलपुर के ग्वारीघाट में सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके बाद पूरी रात घाट पर पूजा-पाठ का सिलसिला चलेगा. जबलपुर में बहुत से लोग दूरदराज इलाकों से आते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग घाटों पर ही रात बिताते हैं.