लखनऊ : अखिलेश यादव खेमे से उनके दूत बनकर नरेश उत्तम भले ही 'रामायण' कोठी में राजा भैया का राज्यसभा चुनाव के लिए समर्थन मांगने गए हों लेकिन, यह राह इतनी आसान नहीं है. माना जा रहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद राजा भैया का बीजेपी की तारीफ करना, 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव का टिप्पणी करना और जियाउल हक हत्याकांड की जांच फिर से शुरू होना जैसे कई मुद्दे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को सपा के करीब जाने से रोक रहे हैं. पिछले काफी समय से राजा भैयाके बयान भाजपा के समर्थन वाले हैं. ऐसे में क्या होगी राजा भैया की रणनीति यह देखने वाली बात होगी?
सियासी जंग जीतने को लेकर जोर आजमाइश :दरअसल, राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी जंग जीतने को लेकर जोर आजमाइश चल रही है. समाजवादी पार्टी को अपने विधायकों की संख्या 108 को मिलाकर तीन और विधायकों की जरूरत पड़ेगी. जिससे उनका तीसरा उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव जीत सके. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने आठवां प्रत्याशी घोषित करके पूरे राज्यसभा चुनाव की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच विधायकों के वोटों को क्रॉस वोटिंग में बदलने की जोर आजमाइश तेजी से चल रही है. इसी कवायद के साथ समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल राजा भैया के आवास पहुंचे थे. उनसे राज्यसभा चुनाव में वोट लेने का समर्थन मांगा. इस पर राजा भैया ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर भी राजा भैया के आवास पहुंचे और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन की बात कही.
बीजेपी ने संजय सेठ को चुनाव मैदान में उतारा : बीजेपी ने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, दूसरी तरफ सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि क्या भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के साथ पिछले कुछ समय से चलने वाले राजा भैया राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को समर्थन दे सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजा भैया फिलहाल पिछले काफी समय से लगातार भारतीय जनता पार्टी और हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. विधानसभा सदन में भी उन्होंने कई विषयों पर बीजेपी का समर्थन किया है. राम मंदिर के बाद प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी राजा भैया आमंत्रित किए गए थे और इस पूरे कार्यक्रम के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी थी. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के साथ-साथ राजा भैया पिछले कुछ समय से लगातार चलते हुए नजर आए हैं.