सिमडेगा: जिला में सिमडेगा नगर परिषद की कार्यशैली और कारनामों की चर्चा शहर में कोई नई बात नहीं है. बात अव्यवस्थित डेली मार्केट की हो, सड़कों पर लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार की या फिर बस स्टैंड और टैक्सी स्टैंड के अंदर अतिक्रमण कर लगाए गये दुकानों की. ये सब मामले तो आम हो चले हैं, खास बात ये है कि नगर परिषद द्वारा बीते करीब एक माह से टैक्सी स्टैंड से राजस्व की वसूली बाहरी व्यक्ति के द्वारा कराई जा रही है.
इसमें ना तो इसके लिए किसी प्रकार की कोई नियम और शर्तें बनाई गई और ना ही कोई कागजी कार्रवाई ही पूर्ण की गई. जबकि संवेदक द्वारा सरेंडर करने के बाद विभागीय वसूली किए जाने का प्रावधान हैं. जिसका जिक्र भी नगर परिषद के अभिलेख में साफ तौर पर किया गया है. लेकिन सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर लगभग एक माह से विभागीय कर्मियों को छोड़ बाहरी व्यक्ति से राजस्व की वसूली कराई जा रही है.
सूत्रों की मानें तो टैक्सी स्टैंड से राशि वसूलने की जिम्मेवारी अरशद खान नामक व्यक्ति को सौंप गई है. हालांकि किन नियमों और शर्तों के आधार पर यह कार्य उसे दिया गया है इसकी जानकारी पूरे नगर परिषद में किसी के पास नहीं है या यूं कहें तो सभी मौन रखकर इस कार्य में उसका साथ दे रहे हैं. इससे तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर परिषद को राजस्व में कितनी राशि प्राप्त होगी. आखिरकार कैसे एक बाहरी व्यक्ति राजस्व राशि की वसूली करता है और पूरा नगर परिषद मौन होकर ऐसे कार्य में उसका साथ देता है.
इस संबंध में नगर परिषद प्रशासक सुमित कुमार महतो ने बताया कि टैक्सी स्टैंड की विभागीय वसूली ही होनी है. लेकिन बीते वर्ष के बोर्ड मीटिंग में साप्ताहिक हाट बाजार और डेली मार्केट से राजस्व वसूली में सहयोग लेने के लिए संवेदक का चयन किया गया था, जिनके द्वारा राजस्व वसूली की जा रही है. लेकिन टैक्सी स्टैंड से राजस्व वसूली बीते 1 माह से किन नियमों और शर्तों के आधार पर अरशद खान को सौंप गई है, इस पर भी उन्होंने कुछ भी बोलना उचित नहीं समझा.