जामताड़ा: जिले का लघु सिंचाई विभाग पोखरा जीर्णोद्धार के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर पोखरा निर्माण कार्य करा रहा है. लेकिन इस निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जा रही है. ताजा मामला नाला प्रखंड के बड़ा रामपुर गांव का है, जहां लाखों रुपये की लागत से हो रहे पोखरा निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायत मिली है. निर्माण स्थल पर न तो नियमानुसार विभाग का बोर्ड लगाया गया है, न ही प्राक्कलन के अनुरूप कार्य हो रहा है. किसी तरह तालाब के किनारे मिट्टी काटकर मेढ़ खड़ा कर तालाब का आकार दिया जा रहा है.
तालाब के किनारे काट दिए गए दर्जनों पेड़
तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर तालाब किनारे लगे दर्जनों पेड़ों को बिना अनुमति के ही काट दिया गया. ठेकेदार की मनमानी और विभाग के अधिकारी की लापरवाही से पता चलता है कि चंद मुनाफे के लिए वर्षों से लगे पेड़ों को काट दिया गया है. इस संबंध में न तो संबंधित विभाग से अनुमति ली गई और न ही कोई सूचना दी गई. जब इस संबंध में ब्लॉक के सीईओ और डीएफओ से जानकारी ली गई तो बताया गया कि पेड़ काटने की न तो कोई अनुमति दी गई थी, न ही अनुमति मांगी गई और न ही कोई जानकारी उपलब्ध है.
डीसी ने दिये जांच के आदेश
सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर तालाब निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिलने पर जिले के उपायुक्त शशि भूषण मेहरा ने जांच कमेटी गठित की है. जिले के उपायुक्त ने जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि पोखरा निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया है. मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. यदि कोई पेड़ काटा गया तो बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.