उदयपुर :देशभर में आज महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है. अहिंसा के पुजारी को देशभर में श्रद्धांजलि दी जा रही है. राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले इकबाल सक्का ने भी अपनी कला के जरिए बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की है. 100 से ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके उदयपुर के सूक्ष्म कलाकार इकबाल सक्का ने महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर विश्व के सबसे छोटे दो गांधी चश्मे, खड़ाऊ, नाव और चप्पू बनाए हैं. सक्का राजस्थान की तरफ से एक चश्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करेंगे.
विश्व के सबसे छोटे गांधी चश्मे और खड़ाऊ (ETV Bharat udaipur) बापू की जयंती पर इकबाल का पैगाम : महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के मौके पर उदयपुर के स्वर्ण शिल्पी और 100 विश्व रिकॉर्ड होल्डर डॉक्टर इकबाल सक्का ने शक्कर के दाने से भी छोटे दो चश्मे, खड़ाऊ व साबरमती नदी को पार करने वाली नाव का मॉडल व चप्पू बनाया है. इकबाल ने बताया कि गिनीज बुक में दर्ज नीदरलैंड की कंपनी द्वारा बनाया विश्व के सबसे बड़े चश्मे के विपरीत लाखों गुना छोटे दो चश्मों के साथ-साथ खड़ाऊ नाव व चप्पू बनाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. सक्का इन कलाकृतियों को विश्व की सबसे छोटी कलाकृतियां होने का गिनीज बुक में दावा पेश करेंगे. बाकायदा डॉक्टर सक्का ने चश्मे में सफेद कांच की कटिंग करके लेंस भी बनाकर लगाए हैं.
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लेंस से देखना पड़ेगा इन कलाकृतियों को :अपनी कला के बल पर दुनिया भर में डंका बजा चुके इकबाल सक्का ने बापू की जयंती पर यह अनूठी कलाकृतियां बनाई हैं, जो सूक्ष्मदर्शी लेंस से ही देखे जा सकते हैं. डॉक्टर सक्का ने बताया कि चश्मा, खड़ाऊ, नाव व चप्पू को बनाने में 7 दिन का समय लगा है. मात्र एक-एक मिलीमीटर साइज की शक्कर के दाने से भी छोटी इन कलाकृतियों का वजन 0.010 मिलीग्राम है.
डॉक्टर सक्का का कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोरबंदर गुजरात में जो पुश्तैनी हवेली थी, उस हवेली को भारत सरकार ने संग्रहालय बना दिया है. उस संग्रहालय में डॉक्टर इकबाल विश्व का सबसे छोटा गांधी चश्मा, खड़ाऊ, नाव और चप्पू को भेंट करेंगे. सक्का ने इसके लिए महात्मा गांधी संग्रहालय पोरबंदर की कमेटी को पत्र लिखा है. सक्का दूसरा चश्मा स्वच्छ भारत अभियान की सफलता पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान वासियों की तरफ से भेंट करेंगे. इसके लिए डॉक्टर इकबाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. ये कलाकृतियां डॉक्टर सक्का ने उदयपुर के पर्यटक स्थल दूध तलाई, मोती मगरी, सहेली की बड़ी, फतेह सागर पर पर्यटकों को लेंस की सहायता से दिखाया तो सब आश्चर्यचकित रह गए.
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सूक्ष्म कलाकृतियां बनाने में एक आंख गवाई :इकबाल की सूक्ष्म कलाकृतियों को देखने के लिए लेंस का प्रयोग किया जाता है. उन्होंने इस कार्य में अपनी एक आंख भी गंवाई है. अब उन्होंने सिर्फ अपनी एक आंख के सहारे ही अनूठी कलाकृतियां बनाई हैं. इकबाल ने अब तक सूक्ष्म कलाकृतियों के बल पर 100 से ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. इससे पहले भी उन्होंने T-20 वर्ल्ड कप को लेकर विशेष तीन ट्रॉफी बनाई थी. अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के लिए भी उन्होंने तीन सूक्ष्म कलाकृतियों का निर्माण किया था, जिनमें सोने की ईंट, घंटा और दो खड़ाऊ शामिल हैं. इकबाल ने विश्व की सबसे छोटी सोने-चांदी की पुस्तक भी बनाई है. पुस्तक में अरबी में अल्लाह, संस्कृत में ओम, ईसाई धर्म का क्रॉस, सिख धर्म का खंडा उत्कीर्ण किया गया है. यह पुस्तक 64 पृष्ठों की है. इसके अलावा उन्होंने इस स्वतंत्रता दिवस पर महज 0. 5 मिलीमीटर का तिरंगा झंडा भी बनाया था.
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इनमें दर्ज हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड :इकबाल सबसे कम वजन की सबसे छोटी सोने की चेन बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने विश्व की सबसे छोटी चाय की केतली भी बनाई थी. साथ ही सबसे छोटा स्वर्ण स्टम्प बना चुके हैं. इसी तरह अब तक इकबाल 100 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड अमेजिंग विश्व रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हैं.
बता दें कि इकबाल सक्का को बचपन से ही कुछ हटकर करने का जुनून था. उन्होंने स्वर्ण शिल्प कार्य के हुनर को अपनाया और फिर देखते ही देखते इसमें महारत हासिल कर ली. इकबाल बताते हैं कि बचपन से ही वे अखबार में स्वर्ण शिल्पकारी के बारे में पढ़ते थे. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्वर्ण शिल्पकारी के रिकॉर्ड अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों के नाम थे. तभी से इकबाल चाहते थे कि इस क्षेत्र में भारत का नाम सबसे ऊंचा हो. ऐसे में वो इस काम में जुट गए और आज उनके हुनर की दुनिया कायल है.