छपरा: बिहार के छपरा में हुई चुनावी हिंसा के 4 दिन बाद इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है. इतने दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद रहने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन अपनी कमियां को छुपाने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर देता है.
इंटरनेट बंद रहने से लोग परेशान: चार दिनों तक इंटरनेट बंद होने से आम लोगों में काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि लगभग सारा काम इंटरनेट के जरिए होता है. किसी दुकान में सामान लेना हो या फिर छात्रों को ऑनलाइन क्लास लेना, बिना इंटरनेट के कुछ नहीं होता. चार दिनों तक इंटरनेट सेवा बाधित रहने से उनकी जिंदगी रुक सी गई थी.
"एक तरफ सभी चीज ऑनलाइन पेमेंट के द्वारा उपलब्ध है, वहीं बार-बार जिले में इंटरनेट सेवाओं को बाधित किए जाने से बिजनेस, छात्रों छात्राओं के ऑनलाइन पढ़ाई और बैंकिंग सेवा पर भी इसका अच्छा खासा असर पड़ा है. एटीएम सेवा भी बाधित रही है."-आदर्श राज, छात्र
"पैसे का लेन-देन बंद हो गया. सारा बिजनस ठप पड़ गया. बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई. यह जिला प्रशासन की कमजोरी है. जिला प्रशासन अगर थोड़ा सा टाइट रहे तो इस तरह की स्थिति नहीं बनती."-मुकुल कुमार, स्थानीय निवासी
छपरा में चुनावी हिंसा:बता दें कि छपरा में 5वें चरण यानी कि 20 मई को मतदान के दौरान सारण के बूथ संख्या 318 और 319 पर बीजेपी और राजद में तनाव हो गया था. वोटिंग के अगले दिन नगर थाना क्षेत्र के भिखारी ठाकुर चौक के पास गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया. बात इतनी बढ़ गई कि गोलीबारी शुरू हो गई. इसमें तीन लोगों को गोली लगी, जिसमें एक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए.