लखनऊ:संयुक्त राष्ट्र की ओर से पूर्व राष्ट्रपति, वैज्ञानिक, मिसाइल मैन, भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की वैज्ञानिक, शैक्षणिक, सामाजिक और रक्षा सेवाओं को मान्यता देते हुए उनके जन्मदिन 15 अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस’ के रूप में मनाना घोषित किया गया. यह घोषणा पूरे विश्व और विशेष रूप से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण और सम्माननीय है. इसी के तहत लाॅमार्टिनियर कॉलेज में उनके सम्मान में डॉ. कलाम की 93वीं जयंती मनाई गई.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ट्रस्ट की ओर से कॉलेज में विशेष सभा का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों छात्रों को डॉ. कलाम के पद और विचारधारा से अवगत कराया गया. छात्रों को देश और समाज के लिए कुछ करने की शपथ दिलाई गई. डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अब्दुल्लाह नासिर ने वाइस प्रिंसिपल मार्क डोनाल्ड केर्न के नेतृत्व में छात्रों को 10 सूत्रीय शपथ दिलाई.
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देश के युवाओं ने दस सूत्री शपथ लेते हुए कहा, कि वे अपनी शिक्षा या काम को समर्पण के साथ जारी रखने और उसमें उत्कृष्टता हासिल करने, अब से कम से कम 10 ऐसे लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाऊंगा जो पढ़-लिख नहीं सकते.कम से कम 10 पौधे लगाऊंगा और निरंतर रखरखाव के माध्यम से उनकी वृद्धि सुनिश्चित करूंगा.ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का दौरा करूंगा और कम से कम 5 लोगों को नशीली दवाओं और जुए की लत से स्थायी रूप से छुटकारा दिलाऊंगा.
युवाओं ने अपनी शपथ में कहा, कि मैं अपने पीड़ित भाइयों की पीड़ा दूर करने का निरंतर प्रयास करता रहूंगा. मैं किसी भी धार्मिक, जाति आधारित भेदभाव का समर्थन नहीं करूंगा. मैं ईमानदार रहूंगा और भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने का प्रयास करूंगा. मैं एक प्रबुद्ध नागरिक बनूंगा और अपने परिवार को धर्मनिष्ठ बनाने के लिए कार्य करूंगा. मैं हमेशा शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का दोस्त रहूंगा और उन्हें हममें से बाकी लोगों की तरह सामान्य महसूस कराने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा. मैं गर्व से अपने देश और अपने लोगों की सफलता का जश्न मनाऊंगा.
इस तरह विद्यार्थियों ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी गई. इससे पहले ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अलहाज अब्दुल नासिर नासिर ने डॉ. कलाम के मिशन और ट्रस्ट की गतिविधियों पर प्रकाश डाला.
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