नई दिल्ली/गाजियाबाद: भागदौड़ और कॉम्पटिशन के दौर में आम आदमी के चेहरे पर खुशी कम और तनाव ज्यादा दिखाई देता है. ऐसा लगता है कि हम सब कहीं ना कहीं हंसना ही भूल चुके हैं. काम और कमाई की इस भागदौड़ ने कहीं ना कहीं इंसान की खुशी को पीछे छोड़ दिया है. खुश रहना तो दूर आम आदमी के चेहरे से हंसी भी गायब हो रही है. मानो लोगों ने जैसे हंसना ही बंद कर दिया हो. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने भी माना है कि दुनिया की आधी आबादी डिप्रेशन से जूझ रही है.
तनाव और डिप्रेशन के इस दौर में लाफ्टर योग फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. हरीश रावत लोगों के जीवन से तनाव और डिप्रेशन को दूर कर चेहरे पर खुशी लाने की मुहिम चला रहे हैं. रावत का मानना है कि लाफ्टर योग से दुनिया को खुश और सेहतमंद बनाए जा सकता है.
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस पर स्पेशल रिपोर्ट लाफ्टर योग फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. हरीश रावत बताते हैंकि असली खुशी छोटे-छोटे काम करने में है. जब हम किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं, तो मदद करने के बाद एक अलग तरह की खुशी का एहसास होता है. किसी ऐसे इंसान की मदद करिये जो बदले में आपको मदद करने में असमर्थ हो. असली खुशी यही से आती है. जिंदगी में आज आम आदमी ने छोटी-छोटी चीजों को पीछे छोड़ दिया है यही वजह है कि आज खुशी भी पीछे छूटती जा रही है.
डॉ. हरीश रावत से हंसना सीखिये :हंसने और हंसाने वाले रावत बताते हैं कि आजकल की जिंदगी में इंसान हैप्पीनेस को पोस्टपोन करता जा रहा है. इंसान सोचता है कि जब उसे वह चीज मिल जाएगी तब वह खुश होगा. उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति के पास स्कूटर है. वह व्यक्ति सोचता है कि जब मुझे गाड़ी मिल जाएगी तो मैं खुश हो जाऊंगा. लेकिन जब उसे गाड़ी मिल जाती है तो वह और बड़ी गाड़ी खरीदने में खुशी ढूंढता है. यह ऐसा सिलसिला है जो कभी खत्म नहीं होता. इसी तरह से इंसान अपनी हैप्पीनेस को पोस्टपोन करता जा रहा है. असली खुशी प्रेजेंट मोमेंट में है. हैप्पीनेस इस राइट नाउ. (HAPPINESS IS RIGHT NOW).
रावत बताते आम आदमी की जिंदगी से उम्मीदें बढ़ती जा रही है. लेकिन जब जिंदगी में अपनी उम्मीद के अनुसार व्यक्ति चीजों को हासिल करने में असमर्थता रहता है तो वो दुखी रहना शुरू कर देता है. जो कि खुश ना रहने की बड़ी वजह है. जिंदगी की इसी कशमकश में आम आदमी खुश रहना और हंसना भूल रहा है.
लॉन्गेस्ट लॉफ्टर योगा मैराथन में 36 घंटे 2 मिनट तक लगातार हंसने का विश्व रिकॉर्ड डॉ. हरीश रावत के नाम दर्ज है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हरीश रावत नाम ने अपना नाम दर्ज कराया है. रावत अब तक तकरीबन 70 हज़ार से अधिक लोगों को लाफ्टर थेरेपी दे चुके हैं. दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस समेत विभिन्न संस्थाओं को हरीश लाफ्टर थेरेपी सेशन दे चुके हैं.
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