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अंतरिम बजट 2024: इस बार चंडीगढ़ के मिला 6513.62 करोड़, पिछली बार से बढ़ा आंकड़ा

Interim Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश कर दिया है. वहीं, चंडीगढ़ को केंद्र सरकार से इस बार 6513.62 करोड़ का बजट मिल पाया है. पिछली बार से इस बार बजट में 7.01 फीसदी को बढ़ोतरी की गई है.

Budget amount for Chandigarh
चंडीगढ़ के लिए बजट

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 2, 2024, 2:27 PM IST

चंडीगढ़: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट 2024 पेश किया गया. इस साल के बजट से पहले चंडीगढ़ द्वारा 7000 करोड़ की मांग की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से 2024 - 25 के लिए अंतरिम बजट में चंडीगढ़ को सिर्फ 6513.62 करोड़ का बजट ही मिल पाया है. बीते साल 2023-24 में चंडीगढ़ को 6087 करोड़ ही जारी हुआ था. ऐसे में विकास कार्यों को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा 1000 करोड़ अधिक की गई थी.

चंडीगढ़ के लिए बजट:बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम बजट में चंडीगढ़ के अलग-अलग क्षेत्र को देखते हुए 6513.62 करोड़ का बजट जारी होगा. ऐसे में चंडीगढ़ पुलिस पर 60.4 करोड़ के आसपास खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में 983.27 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही शिक्षा पर 103.44 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं. 2024-25 अंतरिम बजट के तहत रेवेन्यू हेड में 5858.62 करोड़ और कैपिटल हेड में 655 करोड़ की अलॉटमेंट की गई है.

'बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखने की कोशिश': पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री पंजाब चेप्टर के चेयर आर. एस. सचदेवा ने कहा कि बजट देश के लिए प्रगतिशील है, सरकार ने समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखने की कोशिश की है. इस बजट से भारतीय उद्योग को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सकती है. उद्योग में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए 50 साल की अवधि के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा, इससे भारतीय उद्योग को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी.

पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करते हुए, राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए समर्थन दिया जाएगा, इससे युवाओं को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना उद्योग में गेम चेंजर साबित हुई है, सरकार ने पीएलआई योजना के तहत 6,200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया है. किराए के मकानों, झुग्गियों या अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लिए पीएम आवास योजना के विस्तार से आवास और बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.

सौर ऊर्जा पर विशेष जोर: सरकार ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स में कोई बदलाव न करके मध्यम वर्ग को राहत दी है. टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग का समय भी काफी कम कर दिया गया है. संवैधानिक अदालत द्वारा सामान्य कानूनी प्रश्न का निर्णय होने तक कर विवाद में मामला दायर करने को स्थगित करने से करदाताओं और विभाग के बीच बार-बार होने वाली मुकदमेबाजी को कम करने में काफी मदद मिलेगी. 2070 तक नेट जीरो के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक करोड़ घरों को छत पर सौर ऊर्जा से सुसज्जित किया जाएगा.

पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश करने का वादा: पीएचडीसीसीआई चंडीगढ़ के अध्यक्ष मधुसूदन विज ने कहा कि स्टार्टअप्स की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए मार्च 2025 तक कर लाभ से कई उद्योगों को मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र ने कोरोना के बाद वापसी की है. वहीं, चंडीगढ़ जहां पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह मानी जाती है. वहीं, इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना देखी जा रही है. केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के महत्व को समझते हुए देश में पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश करने का वादा किया है.

रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों की घोषणा: पीएचडीसीसीआई चंडीगढ़ के अध्यक्ष मधुसूदन विज ने कहा कि तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों की घोषणा से लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा और लागत कम होगी. उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में 250 मिलियन लोगों का गरीबी से बाहर आना वर्तमान सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है.

अंतरिम बजट 2024-25 में पीजीआईएमईआर को 2200 करोड़ मिले: पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 2200 करोड़ रुपए मिले हैं. पिछले वर्ष के संशोधित बजट अनुमान से 77 करोड़ अधिक मिला है. पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए आवंटन 350 करोड़ रुपए (343 करोड़ आरई 2023-24), वेतन के लिए अनुदान सहायता और अनुदान सहायता (सामान्य) के तहत बजट अनुमान 1500 करोड़ रुपए (आरई 2023-24 1450 करोड़ रुपए) और रुपए हैं. इसमें 340 करोड़ (320 करोड़ रुपए आरई 2023-24), रुपए आरई 2023-24 के समान, बजट हेड ग्रांट-इन-एड (एसएपी) के तहत 10.00 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे.

पीजीआईएमईआर वित्तीय सलाहकार वरुण अहलूवालिया ने कहा कि यह प्रारंभिक आवंटन का प्रतिनिधित्व करता है और ऐतिहासिक रूप से अतिरिक्त धनराशि नवंबर-दिसंबर में अनुपूरक अनुदान के माध्यम से आवंटित की गई है. बाद का आवंटन पूरे वर्ष में देखे गए व्यय रुझान और वित्तीय अवधि के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी नए विकास पर निर्भर है.

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