जयपुर:जयपुर ट्रैफिक पुलिस अब एक नया प्रयोग कर रही है. जयपुर में अब ड्रोन से ट्रैफिक की निगरानी की जाएगी. ट्रैफिक पुलिस की ओर से हाई रेजोल्यूशन वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. जयपुर के अजमेरी गेट पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से ड्रोन उड़ाया जा रहा है. ड्रोन कैमरे की क्षमता 5 किलोमीटर तक है. यह उन गाड़ियों के नंबर और मॉडल भी रीड कर सकता है, जो ट्रैफिक नियम तोड़ेगा. अजमेरी गेट से उड़ाए जा रहे ड्रोन कैमरे ने स्टैचू सर्किल तक का एरिया कवर किया है. अगर प्रयोग सफल रहा तो इसे लागू करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा.
जयपुर ट्रैफिक डीसीपी सागर राणा ने बताया कि जयपुर में पहली बार ड्रोन कैमरे का प्रयोग किया जा रहा है. वाहन चालकों पर सीसीटीवी के साथ ही अब ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी. प्राइवेट कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया है. ड्रोन कैमरा ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम से कनेक्ट होगा. ड्रोन से आने वाली फोटो कंट्रोल रूम में कैप्चर होगी. इसके बाद नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर ट्रैफिक नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. ड्रोन कैमरे का प्रयोग सफल होने से पुलिस की नफरी और समय की बचत होगी.
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जयपुर के हर पॉइंट पर रहेगी नजर:उन्होंने बताया कि जहां ट्रैफिक पुलिस नहीं पहुंचती है, वहां भी ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जाएगी. नियम तोड़ने वालों की फोटो और वीडियो ड्रोन कैमरे के जरिए कैप्चर की जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो पूरे जयपुर शहर में ड्रोन कैमरे उड़ाए जाएंगे. जहां-जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं है, वहां ट्रैफिक को रेगुलेट किया जाएगा. ड्रोन कैमरे के जरिए ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर निगरानी रखी जाएगी. ड्रोन की मदद से नियम तोड़ने वालों की पहचान करके ऑनलाइन चालान भेजे जाएंगे. इसके साथ ही वीआईपी मूवमेंट और धरने प्रदर्शन के दौरान भी ट्रैफिक नियंत्रण में मदद मिलेगी. ड्रोन कैमरे का नियंत्रण यादगार कंट्रोल रूम से होगा. ड्रोन कैमरे में 200 मीटर दूर चलने वाले वाहन के नंबर प्लेट पढ़ने की क्षमता है.
ड्रोन कैमरे का ट्रायल हो रहा:डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि निजी कंपनी के सहयोग से हाई रेजोल्यूशन वाले ड्रोन कैमरे का ट्रायल किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर परीक्षण करवाया जा रहा है. कई बार वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ने के बाद ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को चकमा देकर भाग जाते हैं. ऐसे में अब ड्रोन कैमरा सबक सिखाएगा. चालान की कॉपी के साथ ट्रैफिक नियम तोड़ने की एक फोटो भी सबूत के तौर पर वाहन चालक को भेजी जाएगी.