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मरवाही में लाल बहादुर शास्त्री की तरह बच्चे नदी पार कर जाते हैं स्कूल, खतरे में नौनिहालों की जान - children crossing overflowing drain - CHILDREN CROSSING OVERFLOWING DRAIN

बचपन में हम सभी ने लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी जरुर पढ़ी होगी. कहते हैं कि शास्त्री जी उफनती गंगा नदी को पार स्कूल जाते थे. दशकों बाद भी हालत छत्तीसगढ़ में नहीं बदले हैं. बस नाम और जगह बदल गई है. मरवाही में कुछ इसी तरह से सर पर बस्ता रखकर, पिता के कंधे पर चढ़कर नौनिहाल स्कूल पहुंच रहे हैं. हालात ये बताते हैं कि अफसर कान में रुई और तेल डालकर बैठे हैं.

CHILDREN CROSSING OVERFLOWING DRAIN
तैरकर स्कूल जाते हैं बच्चे (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 20, 2024, 6:23 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही:कोरबा लोकसभा सीट के भीतर मरवाही आता है. राज्य के बने 23 साल से ज्यादा हो गए हैं. मरवाही प्रदेश का 28वां जिला चार साल पहले बन चुका है. पर हालत आज भी आजादी के पहले वाले ही यहां नजर आते हैं. मरवाही विधानसभा के भीतर आने वाले मडवाही ग्राम पंचायत के बच्चे आज भी तैरकर स्कूल जाते हैं. गांव वालों की शिकायत है कि सालों से वो पुलिया बनाने की गुहार लगा रहे हैं. अफसर आज तक एक अदद पुलिया यहां नहीं बना पाए.

खतरे में नौनिहालों की जान (ETV Bharat)

तैरकर स्कूल जाते हैं बच्चे:स्कूल जाने वाले बच्चों के परिजनों का कहना है कि जबतक बच्चे लौट नहीं आते उनकी चिंता सताते रहती है. बारिश के दिनों हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं. नाले में पानी की धारा भी तेज होती है. पानी भी गहरा हो जाता है. प्रभारी मंत्री ने जरुर वादा किया है कि यहां पर जल्द पुल का निर्माण होगा. निर्माण कब होगा इसका पता अबतक नहीं चला है.

हर दिन जान जोखिम में डालकर पार करते हैं नाला: गांव वालों का कहना है कि ''बच्चे हर दिन नाला पार कर स्कूल पहुंचते हैं. कभी बच्चों की बैग पानी में गिर जाती है कभी भीगे कपड़े पहनकर पूरे दिन स्कूल में उनके बच्चे पढ़ाई करते हैं. जनप्रतिनिधियों से कई बार इसकी शिकायत की लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. अफसर भी हमारी सुध नहीं लेते हैं. हथगड़ी नाले पर हम चाहते हैं जल्द से जल्द पुल बने.''

''बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो हम चिंता में रहते हैं. जब नाले में ज्यादा पानी होता है तब हम बच्चों को स्कूल जाने से रोक देते हैं''. - भीमसेन, ग्रामीण

''कभी भी किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. अफसर और नेता दोनों इस खतरे को लेकर ध्यान नहीं दे रहे हैं''. - वीरेंद्र सिंह बघेल, स्थानीय नेता

''नदी पार कर बच्चे स्कूल जा रहे हैं. इस पर जल्द ही ध्यान दिया जाएगा. हमारी कोशिश है कि यहां जल्द से जल्द पुल बने.'' - श्याम बिहारी जायसवाल, प्रभारी मंत्री

मरीजों और प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाना बड़ी समस्या: गांव वालों का कहना है कि बारिश के दिनों में अगर किसी मरीज को यहां से ले जाना हो ता बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार लोग नाला पार करने के डर से मरीज को अस्पताल नहीं ले जाते हैं. प्रभारी मंत्री ने हमें जरुर ये कहा कि जल्द ही सामुदायिक भवन और पुल का निर्माण किया जाएगा.

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