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प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला, मार्केटिंग एजेंसी का अनुबंध निरस्त, दो कंपनियों के खिलाफ एफआईआर - प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला

Indore Scam in Prime Minister Housing Scheme: इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले का मामला सामने आया है.नगर निगम ने जिन दो ऐजेंसियों को मार्केटिंग की जिम्मेदारी दी थी उन्हीं के कर्मचारी लाखों रुपये ज्यादा लेकर प्लैट बुक कर रहे थे.

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प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 7, 2024, 10:35 PM IST

प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले के बाद दो कंपनियों के खिलाफ एफआईआर

इंदौर।गरीबों और जरूरतमंद लोगों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना इंदौर में घोटाले का शिकार हो गई है. दरअसल नगर निगम ने जिन दो एजेंसियों को प्रधानमंत्री आवास के फ्लैट की मार्केटिंग की जिम्मेदारी दी थी, उन्हीं के अधिकारी कर्मचारी फ्लैट के निर्धारित मूल्य से अतिरिक्त लाखों रुपए हितग्राहियों से वसूल रहे थे. इस मामले का खुलासा होने के बाद नगर निगम ने दोनों एजेंसियों के अनुबंध निरस्त करने के साथ एफआईआर दर्ज कराई है.

मार्केटिंग करने वाली कंपनियां

इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शिवालिक परिसर, सतपुड़ा परिसर, अरावली परिसर, नर्मदा परिसर और कावेरी परिसर विकसित किए गए हैं. इन आवासों की मार्केटिंग एवं बिक्री के लिए इंदौर नगर निगम ने सच अप टू द मार्क एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड और मैसेज मिरेकल इवेंट्स ज्वाइंट वेंचर इंदौर से अनुबंध किया था.

एक से दो लाख ज्यादा वसूलते थे

मार्केटिंग करने वाली दोनों एजेंसियों के कर्मचारी संबंधित आवासीय फ्लैट को हितग्राहियों को दिखाने के बाद पहले तो किसी फर्जी नाम से प्लेट को पहले से ही बुक होना बता देते थे. उसके बाद इस फ्लैट की कुल कीमत पर एक से डेढ़ लाख रुपये ज्यादा वसूलकर हितग्राही को दे देते थे. इस प्रकार फ्लैट की जो निर्धारित राशि तय की गई है उसके ऊपर एक से दो लाख रुपये तक की वसूली हो रही थी.

मामले की कैसे खुली पोल

हाल ही में एक हितग्राही की शिकायत पर नगर निगम परिषद के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र राठौड़ ने मामले की पड़ताल की तो पता चला प्रधानमंत्री आवास योजना में 20% राशि जमा करने के बाद बुकिंग का प्रावधान है लेकिन इन एजेंसियों के कर्मचारी फ्लैट बुक करने के बाद फ्लैट नहीं लेने वाले हितग्राहियों से जमा रकम वापसी करने पर भी 25 परसेंट राशि काटकर लौटा रहे थे. इसके अलावा एक ही फ्लैट को दो-दो नाम से बुक कर रहे थे. इसमें से भी आवंटन अतिरिक्त और ज्यादा पैसे देने वालों के नाम पर हो रहा था.इसके बाद पूरे मामले की शिकायत महापौर और नगर निगम कमिश्नर से की गई थी.

इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला

नगर निगम ने अनुबंध किया निरस्त

इस मामले की जांच के बाद प्रथम दृष्टया फ्लैट को बेचने और मार्केटिंग के लिए नियुक्त ऐजेंसी में सर्च अप टू द मार्क एडवरटाइजिंग इंदौर और मैसेज मिरेकल इवेंट ज्वाइंट वेंचर कंपनी के साथ नगर निगम ने अपना अनुबंध निरस्त कर दिया है. इतना ही नहीं दोनों कंपनियों के खिलाफ बुधवार को पुलिस थाना सेंट्रल कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. इस मामले में नगर निगम कमिश्नर द्वारा एक जांच समिति का भी गठन किया गया है.यह कमेटी पूरे मामले की जांच रिपोर्ट नगर निगम आयुक्त और महापौर को सौंपेगी.

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कई साल से चल रहा है फर्जीवाड़ा

इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 14 प्रोजेक्ट के तहत हजारों की संख्या में फ्लैट तैयार किए गए हैं. जिनमें से कई प्रोजेक्ट के सभी फ्लैट्स का आवंटन हितग्राहियों को किया जा चुका है. इनमें भी आवंटित किए गए फ्लैट की संख्या करीब 7000 है जबकि 13500 फ्लैट 1 BHK के और 5000 फ्लैट 2 और 3 BHK के अभी भी आवंटित होना बाकी है. इसके अलावा अन्य दो इकाई ताप्ती परिसर और सतपुड़ा परिसर में फ्लैट निर्माण का काम अभी चल रहा है.

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