इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में जिस तेजी से बाहरी आबादी बढ़ रही है, उसी तेजी से यहां वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है. इसी कारण शहर की तमाम सड़कें ट्रैफिक से ओवरलोड हो रही हैं. हर साल यहां डेढ़ लाख से 2 लाख वाहनों के पंजीयन के चलते अब वाहनों की संख्या 30 लाख पार कर गई है. वहीं 20 हजार से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का लोड भी शहर के ट्रैफिक पर है, जिसके चलते इंदौर को अब व्हीकल कैपिटल भी माना जा रहा है.
अमूमन हर व्यक्ति के पास है वाहन
करीब 32 लाख की आबादी वाले इंदौर शहर में वाहनों की संख्या भी आबादी की संख्या के बराबर ही है. इंदौर एकमात्र शहर है, जहां प्रति व्यक्ति के पास वाहन मौजूद है. इतना ही नहीं, यहां बीते 10 सालों में दोगुनी रफ्तार से बढ़ी आबादी और वाहनों के कारण शहर की अधिकांश सड़कें खचाखच भरकर जाम झेल रही हैं. सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक अधिकांश सड़कों और चौराहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है. शाम होते ही लोगों के फिर सड़कों से गुजरने के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति और भीषण हो जाती है. अधिकांश चौराहों पर अब ट्रैफिक जाम होना सामान्य बात है, जिससे उबर पाना इंदौर पुलिस और नगर निगम के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
एक साल में खरीदे जाते हैं 2 लाख वाहन
इंदौर आरटीओ प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा, '' इंदौर शहर में अन्य शहरों की तुलना में दोगुनी रफ्तार से वाहनों की संख्या बढ़ रही है. 1 साल में यहां डेढ़ लाख से 2 लाख नए वाहन खरीदे जाते हैं, इसके अलावा बैंक से लोन आदि की सुविधा मिलने के कारण भी लोगों के लिए वाहन खरीदना आसान है. जाहिर सी बात है सड़क पर वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक स्लो होता है. अगर नियमों का पालन किया जाए तो कुछ भी समस्या नहीं होगी.''