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इंदौर नगर निगम में करोड़ों का फर्जी बिल घोटाला, जांच में बड़ा खुलासा, अफसरों-कर्मियों पर एक्शन शुरू - indore nagar nigam scam

इंदौर नगर निगम में करीब 100 करोड़ के फर्जी भुगतान घोटाले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर दी है. समित ने जांच में पाया है कि ये फर्जीवाड़ा बीते 10 साल से चल रहा था. जिम्मेदार अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन भी शुरू हो गया है.

indore nagar nigam scam
इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल घोटाला (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 12:03 PM IST

इंदौर।नगर निगम में हुए घोटाले की परतें रोजाना खुलती जा रही हैं. मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जांच समिति गठित करके रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. सीएम का आदेश मिलते ही समिति ने कार्रवाई की शुरुआत कर दी है. गौरतलब है कि बीते दिनों नगर निगम इंदौर में जल संसाधन तथा ड्रेनेज विभाग के 20 फर्जी बिल पकड़े गए थे. मैसर्स जहान्वी इंटरप्राइजेस, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइजेस, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन, मैसर्स नीव कंस्ट्रक्शन और मैसर्स ग्रीन कंस्ट्रक्शन के 20 बिल बिना किसी निविदा, अनुबंध और बिना कार्य के वित्त शाखा में प्रस्तुत किये गये थे.

मामला खुलने पर 5 फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया

फर्जी बिलों के आधार पर इन फर्मों को इंदौर नगर निगम द्वारा भुगतान किया गया. यह मामला आयुक्त नगर निगम के संज्ञान में आने पर 5 फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर भुगतान पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके बाद से जारी जांच में यह घोटाला करीब 100 करोड़ से भी ज्यादा पहुंच चुका है. जांच में पता चला है कि इन 5 फर्मों द्वारा बीते 10 सालों में प्रस्तुत किए गए 188 भुगतान प्रकरण एक जैसे हैं. जिनमें बिना काम और बिना टेंडर के ही फर्जी भुगतान के प्रयास किए गए हैं.

फर्मों के मालिक हिरासत में, पूछताछ जारी

जांच समिति की शुरुआती पड़ताल में दोषी पाये गये 2 कर्मचारी भूपेन्द्र पुरोहित और सुनील भंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. नगर निगम द्वारा इस मामले में कराई गई एफआईआर के बाद पुलिस ने जाह्नवी इंटरप्राइजेस के राहुल बडेरा, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइज की रेणु बडेरा, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन के मो.जाकिर और मैसर्स न्यू कंस्ट्रक्शन के मो. साजिद, लेखा विभाग नगर निगम के पूर्व विनियमित क्लर्क राजकुमार साल्वी, उपयंत्री उदय भदौरिया और कम्प्यूटर ऑपरेटर चेतन भदौरिया को हिरासत में लिया है.

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सहायक यंत्री फरार, इनाम घोषित

इनमें से नगर निगम में कार्यरत कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. इसके अलावा इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताए जा रहे सहायक यंत्री अभय राठौर को निलंबित किया गया है. फिलहाल अभय राठौर फरार है. जिसके खिलाफ पुलिस ने ₹10 हजार का इनाम भी घोषित किया है. इधर, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र के आधार पर वित्त विभाग द्वारा नगर निगम में वित्त विभाग के पदस्थ लोकल फंड के समर सिंह परमार, उप संचालक जगदीश ओहरिया और रामेश्वर परमार को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. राज्य सरकार उच्च स्तरीय समिति में प्रमुख सचिव वाणिज्य कर अमित राठौर और सदस्यों के रूप में सचिव वित्त विभाग अजीत कुमार और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

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