इंदौर: मध्य प्रदेश में लहसुन की गिरती कीमतें और चीन के लहसुन को लेकर मचे बवाल के बीच लहसुन उत्पादक किसान सड़कों पर आ गए हैं. किसानों के समर्थन में जीतू पटवारी ने भी इंदौर मंडी में किसानों के साथ धरना दिया. उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा "जब सरकार को राजनीतिक रोटियां सेंकनी होती है तो चीन के माल का बहिष्कार कर दिया जाता है और अब कृषि मंत्री बैक डोर से चीनी, लहसुन खरीद रहे हैं. यह किसानों के साथ अन्याय है. कांग्रेस इस स्थिति का सड़कों पर उतरकर विरोध करने को तैयार है."
आधे से कम दाम पर लहसुन खरीदी का आरोप
दरअसल, बुधवार को बड़ी संख्या में किसान इंदौर की चोइथराम मंडी में लहसुन लेकर पहुंचे थे. लेकिन मंडी में जब लहसुन का भाव 10,000 से 16,000 रुपए प्रति क्विंटल से खुला तो किसान नाराज हो गए. किसानों का आरोप था कि जो लहसुन बीते दिनों 30 से 35 हजार रुपए क्विंटल बिका, उसे अब मंडी के व्यापारी साठ गांठ करके आधी से भी कम कीमतों में खरीद रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार सब्जी मंडी में लहसुन की बिक्री को प्रतिबंधित कर चुकी है, इससे भी किसान नाराज हैं.
जीतू पटवारी ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप (ETV Bharat) किसानों के प्रदर्शन में जीतू पटवारी हुए शामिल
बुधवार की सुबह किसानों ने इस मामले को लेकर चक्का जाम कर दिया. इस दौरान मौके पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए.जीतू पटवारी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा "जब पूरे देश में आंदोलन चलाने के लिए भाजपा को मूवमेंट करना होता है, तो चीन का बहिष्कार होता है. लेकिन जब प्रदेश के किसान उचित दाम की आस में साल भर लहसुन सुरक्षित रखने के बाद बेचना चाह रहे हैं तो चीन से लहसुन मंगवाया जा रहा है."
उन्होंने कहा देश के कृषि मंत्री किसान पुत्र हैं, लेकिन जब राजनीतिक वोट लेना होता है तो शिवराज सिंह चीन के माल का बहिष्कार करते हैं और अब खुद ही चीन का लहसुन खरीद रहे हैं. यह किसानों के साथ अन्याय है. सरकार को इस दिशा में सुधार करना चाहिए." उन्होंने कहा "मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि देश में किसान और सेना का जवान एक जैसी भूमिका में हैं, इसलिए किसान के साथ अन्याय मत करो. आज पूरे प्रदेश में किसान कर्जदार होता जा रहा है. किसानों द्वारा की जाने वाली आत्महत्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकार देखने को तैयार नहीं है."
'सरकार ने अपने वादे नहीं पूरे किए'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा "सरकार ने अपने वचन पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2,700 रुपये घोषित किया था, लेकिन आज तक नहीं दिया. सोयाबीन के दाम 6000 प्रति क्विंटल की बात पर आप महाराष्ट्र में वोट लेने का काम करते हो लेकिन मध्य प्रदेश में सोयाबीन 3800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में खरीदे जा रहे हैं, ऐसा अन्याय अब नहीं चलेगा. प्रदेश में लहसुन को ऐच्छिक किया जाए क्योंकि यह महंगा माल है. मोहन सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए क्योंकि यदि उन्होंने वचन पत्र में किए अपने वादे पूरे नहीं किये, तो कांग्रेस उन्हें चैन से बैठने देने वाली नहीं है."