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इस शहर में हैं हजारों अवैध नल कनेक्शन, उपभोक्ताओं को निगम की लास्ट वार्निंग, वैध करवाओं वरना मार्च से होगी FIR

Indore Illegal Tap Connections: इंदौर में आज भी हजारों घरों में अवैध नल कनेक्शन लगे हुए हैं. जिसको लेकर नगर निगम ने कार्रवाई का मूड बना लिया है. अब उपभोक्ताओं ने अपने नल वैध नहीं करवाए तो मार्च माह से उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई जाएगी.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 7:34 AM IST

Published : Feb 8, 2024, 7:34 AM IST

FIR against tap vendors
इंदौर अवैध नल कनेक्शन

इंदौर।देश के सबसे स्वच्छ शहर में हजारों की तादात में ऐसे लोग भी हैं जो अवैध नल कनेक्शन के जरिए नगर निगम को चूना लगाकर मुफ्त का पानी पी रहे हैं. इंदौर नगर निगम ने अब ऐसे मुफ्तखोरों के खिलाफ एक मुफ्त वसूली अभियान चलाकर वैध करने का प्लान बनाया है. जिसके तहत 6 मार्च के बाद से नगर निगम अवैध नल कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ FIR की कार्रवाई करेगा.

नल कनेक्शन को नियमित करने का फैसला

दरअसल, वित्तीय संकट से जूझ रहे इंदौर नगर निगम में अब ऐसे तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है जिनके जरिए निगम का खाली खजाना भरा जा सके. इस दिशा में महापौर परिषद ने अब ऐसे नल कनेक्शन को नियमित करने का फैसला किया है जो अब तक अवैध रूप से चल रहे थे. इन अवैध नल कनेक्शन वाले शहर वासियों को एक माह के दरमियान नल कनेक्शन की बकाया राशि एक मुफ्त जमा करने का मौका दिया गया है. खास बात यह है कि नगर निगम द्वारा इसमें भी 50 फीसदी राशि की छूट दी जा रही है. इतना ही नहीं 1 फरवरी से 29 फरवरी तक शहर के सभी जोनल कार्यालय में शिविर लगाकर अवैध नल कनेक्शन को वैध करने की कार्यवाही भी जारी है.

नल कनेक्शन से निगम को नुकसान

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक, शहर में ऐसे हजारों नल कनेक्शन है जो नगर निगम के रिकॉर्ड में नहीं है. इसके बावजूद भी लॉग इन नालों के जरिए पानी का उपयोग अपने दैनिक जीवन के लिए कर रहे हैं. क्योंकि ऐसे अवैध नल कनेक्शन से निगम को लगातार नुकसान हो रहा है. इसलिए अब इन्हें 50% राशि चुकाकर वैध करने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि ''यदि 6 मार्च के बाद भी किसी उपभोक्ता द्वारा नल कनेक्शन को वैध नहीं कराया गया तो उसके खिलाफ इंदौर नगर निगम द्वारा फिर करने की कार्रवाई की जाएगी.''

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निगम के मोटर पंप की मोटर बदलेंगे

दरअसल, इंदौर नगर निगम के जो अपने बोरिंग अथवा पंप सेट है उन पर बिजली खर्च हर महीने 45 करोड रुपए खर्च हो रहा है. जबकि मेंटेनेंस पर करीब 5 करोड रुपए चुकाने पड़ रहे हैं. नगर निगम प्रशासन के मुताबिक, यदि बोरिंग में कम हॉर्स पावर के विद्युत पंप लगा दिए जाए तो इससे बिजली के बिल में 25 से 30 परसेंट की बचत होगी. इसके अलावा नगर निगम को 5 सालों में करीब 20 करोड रुपए की भी बचत हो सकेगी.

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