इंदौर : इंदौर से 30 किलोमीटर दूर स्थित गुलावट वैली बदहाली से जूझ रही है. कमल की खेती पर जलकुंभी भारी पड़ गई है. इंदौर के पास हातोद ग्राम के नजदीक गुलावट वैली बड़े दावों के साथ बनाई गई थी. गुलावट वैली कमल की खेती के लिए विख्यात है. ठंड के मौसम में इसे मिनी कश्मीर कहा जाता है. अब यहां आने वाले पर्यटक निराश होकर वापस जा रहे हैं. एक समय यहां पर्यटकों की भीड़ रहती थी लेकिन अब संख्या बहुत कम हो गई है.
कमल के फूल उत्पादन के लिए मशहूर इंदौर की गुलावट वैली को किसकी नजर लगी? - INDORE GULAVAT VALLEY
इंदौर का मिनी कश्मीर कही जाने वाले गुलावट वैली अब बदहाली की शिकार है. कमल की खेती को जलकुंभी ने लील लिया है.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : 15 hours ago
गुलावट वैली में 300 एकड़ में कमल की खेती होती है. इंदौर के साथ ही आसपास के जिलों के लोग इसे निहारने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन अब गुलावट वैली खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी है. 300 एकड़ हो रही कमल की खेती वाले तालाब में जलकुंभी का कब्जा हो गया है. इसलिए कमल के पौधों नहीं पनप पाते. यहां के लोगों ने इसकी शिकायत सरपंच के साथ ही पर्यटन बोर्ड को भी दी लेकिन कोई निराकरण नहीं हो सका है. कमल की खेती कर रहे केवट समाज के लोग अपने स्तर पर जलकुंभी को निकाल रहे हैं.
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पर्यटकों के लिए न पानी की सुविधा और न बैठने की
गुलावट वैली में आने वाले पर्यटकों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है. सरपंच के पति सुनील जाधव का कहना है कि हमने 10 लाख खर्च करके गुलावट वैली को विकसित कराया. यहां शौचालय सहित पानी की व्यवस्था की है. लेकिन हकीकत इससे उलट है. शौचालय पर सरपंच पति ने ताले लगा दिए हैं. पीने की पानी की टंकी के पाइप टूटे हुए हैं. हैंडपंप के पानी से पर्यटक अपनी प्यास बुझाते हैं. पर्यटकों को यहां गंदगी का भी सामना करना रड़ता है. यहां तक पहुंचने वाली मुख्य सड़क ऊबड़-खाबड़ है. बता दें कि गुलावट वैली को पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विकसित करने के लिए गोद लिया था.