इंदौर।जिले के चोरल में आदिवासी कन्या हॉस्टल में कोई और नहीं बल्कि खुद वार्डन द्वारा जिस्मफरोशी के खेल को अंजाम दिया जा रहा था. स्थिति यह थी कि हॉस्टल से छात्राएं वार्डन के इशारे पर बाहर जाती थीं. वहीं जब चाहे तब बाहरी पुरुष आकर गर्ल्स हॉस्टल में न केवल शराब खोरी करते थे, बल्कि छात्रों के साथ दुर्व्यवहार भी करते थे. दो छात्रों की शिकायत के बाद यह मामला उजागर हुआ. सनसनीखेज मामले में इंदौर जिला प्रशासन ने हॉस्टल की वार्डन शिल्पा गोड़ को सस्पेंड कर दिया है.
छात्रावास में वार्डन के काले कारनामे
दरअसल, महू शहर से 30 किलोमीटर दूर सुदूर अंचल चोरल के आदिवासी कन्या छात्रावास में रहने वाली छात्राओं द्वारा महू प्रशासन को शिकायत की गई थी कि हॉस्टल वार्डन द्वारा रात में गर्ल्स हॉस्टल में बाहरी पुरुषों को प्रवेश दिया जाता था. बाहरी पुरुषों द्वारा गर्ल्स हॉस्टल में ही शराब खोरी की जाती थी. इतना ही नहीं इन पुरुषों द्वारा हॉस्टल की आदिवासी बच्चियों को बिना अनुमति के बाहर ले जाया जाता है. साथ ही बाहर से आने वाले अन्य लोगों के कपड़े भी हॉस्टल वार्डन द्वारा हॉस्टल की छात्राओं से धुलवाए जाते हैं.
वार्डन को किया गया सस्पेंड
इस चौंकाने वाली शिकायत के बाद जांच के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने एसडीम महू और आदिम जाति कल्याण विभाग की टीम को हॉस्टल भेजा गया था. जिसमें जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई. लिहाजा पोस्ट वार्डन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले में पता यह भी चला है कि एक अन्य पुरुष के साथ भी पोस्ट वार्डन शिल्पा गोड़ के संबंध रहे हैं. जिसे लेकर बीते दिनों एक विवाद भी हुआ था. जिसकी सिमरोल थाने पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी. इधर इस मामले के उजागर होते ही जहां कलेक्टर ने एक आठ सदस्य दल का गठन किया.