इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में लोकसभा चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी के हटते ही चर्चा में है. चर्चा की वजह है यहां चल रहा नोटा के समर्थन में चुनावी अभियान जो अब रैली विरोध प्रदर्शन और बयान बाजी के बाद ऑटो रिक्शा के पोस्टर तक पहुंच गया है. लिहाजा कांग्रेस जहां नोटा के समर्थन में ऑटो रिक्शा पर पोस्टर लगवा रही है तो वहीं भाजपा के नेता ऑटो रिक्शा से पोस्टर उतरवा रहे हैं. हालांकि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब दोनों ही दल ऑटो रिक्शा के जरिए नोटा के पक्ष में और विरोध में पोस्टर वार चलाते नजर आ रहे हैं.
अंतिम वक्त कांग्रेस प्रत्याशी ने वापस लिया नामांकन
दरअसल नामांकन वापसी के अंतिम दिन भाजपा के इशारे पर कांग्रेस प्रत्याशी ने इंदौर में अपना नामांकन वापस ले लिया था. उसके बाद से ही कांग्रेस भाजपा के इस राजनीतिक घटनाक्रम के बदले की तैयारी में थी. लेकिन कोई और विकल्प नहीं बचा तो कांग्रेस ने भाजपा के कारनामे के विरोध में नोटा के समर्थन में मतदान की अपील के लिए मुहिम शुरू की. कांग्रेस की कोशिश है कि जो मतदाता कांग्रेस के समर्थन में मतदान करते हैं उन्हें किसी भी तरह नोटा की तरफ मोड़ दिया जाए जिससे कि इंदौर से भाजपा के कारनामे के खिलाफ एक संदेश देश भर में पहुंचे. हालांकि भाजपा कांग्रेस के इस अभियान की भी हवा निकलना चाहती है.
भाजपा ने ऑटो से उतरवाए नोटा के पोस्टर
इस बीच कांग्रेस ने जब आम जनता को नोटा का समर्थन करने के लिए ऑटो रिक्शा पर पोस्टर लगाने शुरू की है तो भाजपा नेताओं को यह नागवार गुजरा. भाजपा पार्षद संध्या यादव ने तो एक ऑटो रिक्शा से पोस्ट जबरदस्ती उतरवा दिया. हालांकि उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कांग्रेस ने इस मामले को फिर लोकतांत्रिक हत्या बताते हुए पूरे मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से की है. इस बीच भाजपा समर्थित भगवा ऑटो रिक्शा चालक संघ ने भी सभी ऑटो पर कांग्रेस विरोधी संदेश लिखे पोस्ट के जरिए नोटा के स्थान पर राष्ट्रीय हित में मतदान करने की अपील कर डाली.
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