भोपाल।मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट में सूरत पार्ट 2 दोहराया गया है. कांग्रेस को खजुराहो एपीसोड दोहराने की आशंका तो थी, लेकिन यह संभावना बिलकुल न थी कि कांग्रेस उम्मीदवार नाम ही वापस ले लेगा. कांग्रेस ने नए और युवा चेहरे के रूप में इंदौर से अक्षय कांति बम को चुनाव में उतारा था. हालांकि कांग्रेस अब उन्हें गद्दार बताने में जुटी है. उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 'कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के घर में ही उनके उम्मीदवार ने नामांकन वापस ले लिया.'
इसलिए अक्षय कांति बम को मिला था टिकट
कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में 50-50 फार्मूला बनाया था. इसके तहत 14 से 15 सीटों पर युवाओं को टिकट देने का निर्णय लिया गया था. कांग्रेस ने इंदौर से नए और युवा चेहरे के रूप में अक्षय कांति बम को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. अक्षय कांति बम को टिकट देने की एक वजह उनका आर्थिक रूप से मजूबत होना भी था. अक्षय बम की कुल संपत्ति करीबन 56 करोड़ की है. प्रॉपर्टी के धंधे के अलावा शिक्षण संस्थानों के संचालन के चलते क्षेत्र में पकड़ होना भी टिकट की एक वजह थी.
अक्षय कांति बम को टिकट की एक वजह उनका जैन समाज से होना भी था. क्षेत्र में उनकी पहचान प्रमुख शिक्षाविद के रूप में है. वे जैन समाज के तमाम संगठनों में सक्रिय रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जैन समाज को कांग्रेस की तरफ से प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर समाज द्वारा नाराजगी जताई गई थी. इसको देखते हुए कांग्रेस ने जैन समाज के चेहरे के रूप में अक्षय कांति को टिकट दिया था.
अब आपको बताते हैं कि आखिन ऐन वक्त पर इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार से क्यों छोड़ दिया मैदान:
राजनीतिक जानकारों और कांग्रेस प्रत्याशी के करीबियों की मानें तो अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के पीछे कई कारण हैं.