पलामू:भारतीयरेलवे के धनबाद रेल डिवीजन में टिकट कैश घोटाला का दायरा बढ़ता जा रहा है. शुरुआत में गढ़वा के तीन रेलवे स्टेशन पर टिकट कैश घोटाले के मामले को पकड़ा गया था. अब पलामू एवं लातेहार में भी रेल टिकट कैश घोटाला को पकड़ा गया है. पूरे मामले में रेलवे ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई है. एक एफआईआर गढ़वा के नगरउंटारी जबकि दूसरा एफआईआर लातेहार के बरवाडीह में किया गया है.
गढ़वा में 2 करोड़ 16 लाख, रमना एक लाख, गढ़वा टाउन में 46 लाख, लातेहार के बरवाडीह में 90 लाख, जबकि पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर 12 लाख रुपए के करीब घोटाले की बात कही जा रही है. रेलवे विभिन्न स्टेशनों का ऑडिट करवा रही है. घोटाले का दायरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
कैसे हुई है टिकट घोटाला ? जमा किया गया फर्जी वाउचर
विभिन्न स्टेशनों से टिकट बिक्री के पैसे को सीधे रेलवे के खाते में जमा किया जाता है. यह खाता रेलवे के हाजीपुर जोन का है. पैसे को जमा करने के लिए दो अलग-अलग एजेंसी हैं. गढ़वा इलाके में अलग एजेंसी है, वहीं पलामू के इलाके में अलग एजेंसी. एजेंसी स्टेशनों से कैश उठाती है और रेलवे के खाते में जमा करती है. कैश को जमा करने में जिन कर्मियों को तैनात किया जाता है उन्हें बाइकर्स कहा जाता है.
बाइकर्स कैश जमा करने के बाद बैंक के वाउचर को रेलवे को देते हैं और जानकारी अपने एजेंसी को जमा करते हैं. इस मामले में बाइकर्स ने विभिन्न स्टेशनों से कैश तो उठाया लेकिन उन्हें रेलवे के खाता में जमा नहीं किया है. बाइकर्स ने कैश संबंधी वाउचर को फर्जी रूप से तैयार किया और रेलवे के अधिकारियों को दिया. रेलवे के हाजीपुर जोन के वाणिज्य कर विभाग को विभिन्न स्टेशनों से होने वाले आय आशंका हुई थी. इसके बाद रेलवे के तरफ से इंटरनल ऑडिट का कार्य शुरू हुआ. इसी ऑडिट में पकड़ा गया कि 2023 के बाद इस घोटाले की शुरुआत हुई. घोटाला का दायरा धीरे-धीरे बढ़कर करोड़ों में हो गया.
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