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ट्रेनों में जल्द खत्म होगा वेटिंग का झंझट, दो साल में जुड़ेंगे 10 हजार कोच

रेलवे बोर्ड के अनुसार अब यात्रियों को सीट के लिए वेटिंग के चक्कर में नहीं पड़ना होगा. जनरल कोच में लदफद होकर नहीं जाना पड़ेगा.

Indian railway board
नियमित ट्रेनों में कोच बढ़ाने की तैयारी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

भोपाल :रेल यात्रियों को नियमित ट्रेनों में लंबी वेटिंग से जल्द ही मुक्ति मिलने वाली है. रेलवे प्रशासन यात्रियों का सफर सुविधाजनक बनाने के लिए ट्रेनों में कोच की संख्या बढ़ाने जा रहा है. जिससे रेल यात्रियों को कन्फर्म सीट मिल सके. इसके तहत नियमित ट्रेनों में जनरल और स्लीपर कोच बढ़ाए जाएंगे. इसके लिए तेजी से नए कोचों का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है.

370 नियमित ट्रेनों में लगेंगे एक हजार कोच

रेलवे ने बीते 3 माह में ही विभिन्न ट्रेनों में सामान्य श्रेणी (जीएस) के करीब 600 सौ नये अतिरिक्त कोच जोड़े हैं. ये सभी कोच नियमित ट्रेनों में जोड़े गए हैं. इतना ही नहीं, इसी माह नवंबर के अंत तक जीएस श्रेणी के ऐसे एक हजार से ज्यादा कोच करीब 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ दिए जााएंगे. एक अनुमान के मुताबिक रेलवे के बेड़े में इन नए जीएस कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्री लाभान्वित होंगे.

ट्रेनों में 2 साल के अंदर जुड़ेंगे 10 हजार कोच

रेलवे के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने प्रेस नोट में बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर नए जीएस कोचों का निर्माण तेजी से चल रहा है. अगले दो वर्षों में रेलवे के बेड़े में ऐसे गैर-वातानुकूलित सामान्य श्रेणी के 10 हजार से ज्यादा जीएस कोचों को शामिल कर लिया जाएगा. इनमें 6 हजार से ज्यादा जीएस कोच होंगे, जबकि बाकी डिब्बे स्लीपर श्रेणी के होंगे.

8 लाख यात्रियों को फायदा मिलने का दावा

इतनी बड़ी संख्या में नॉन एसी कोच की संख्या बढ़ाने से सामान्य श्रेणी के करीब 8 लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना रेल यात्रा का सफर कर पाएंगे. जीएस श्रेणी के ये नवनिर्मित तमाम कोच एलएचबी के होंगे. ये सफर को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सुरक्षित और द्रुत बनाने में भी मदद करेगी. पारंपरिक आईसीएफ़ रेल डिब्बों के मुकाबले ये नये एलएचबी कोच अपेक्षाकृत हल्के और मजबूत हैं. हादसे की स्थिति में इन कोचों में नुकसान भी कम से कम होगा.

Last Updated : 2 hours ago

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