नई दिल्ली/गाजियाबाद:देशभर में कोलकाता के सरकारी अस्पताल में एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर भारी आक्रोश है वहीं शनिवार को देश भर में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा बंद रखा. जिसका असर गाजियाबाद के अस्पतालों में भी देखने को मिला और मरीज इलाज के चक्कर में अस्पतालों में चक्कर लगाते नजर आएं.आईएमए के आह्वान के बाद गाजियाबाद के अस्पतालों में शनिवार को ओपीडी का संचालन नहीं हुआ. वहीं इस मसले पर आईएमए के पदाधिकारी ने जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
मानवता के नाते डॉक्टर ने इमरजेंसी सेवाओं को बंद नहीं किया
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (उत्तर प्रदेश) के फाइनेंस सेक्रेटरी डॉ आशीष अग्रवाल ने बताया आईएमए के पदाधिकारी ने जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. कोलकाता में हुई घटना के बाद देश भर के डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गाजियाबाद क्षेत्र के हजार से अधिक चिकित्सकों ने शनिवार को ओपीडी बंद रखी है. गाजियाबाद में इंडियन डेंटल एसोसिएशन के तकरीबन 200 चिकित्स्यक द्वारा इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को बंद रखा गया है. इंडियन फिजियोथैरेपिस्ट संगठन और नर्सिंग होम एसोसिएशन की गाजियाबाद ब्रांच द्वारा भी समर्थन दिया गया है. जिले के प्रतिष्ठित अस्पताल मैक्स यशोदा आदि में भी ओपीडी बंद है. मानवता के नाते डॉक्टर ने इमरजेंसी सेवाओं को बंद नहीं किया गया है.
डॉ. आशीष अग्रवाल का कहना है कि फिलहाल 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद की गई है. हमें उम्मीद है सरकार हमारी मांगों को मानेगी यदि इस पर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो हमें आगे के आंदोलन का रास्ता तय करना होगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा समर्थन दिए जाने को चिकित्सकों ने हास्यस्पद बताया है. चिकित्सकों का कहना है कि ममता बनर्जी स्वयं गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री हैं इसके बावजूद भी सड़कों पर उतरकर रहती हैं "वी वांट जस्टिस". हमारी समझ से बाहर है कि ममता किस जस्टिस की मांग कर रही है जबकि पश्चिम बंगाल में उनकी ही सरकार है.