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सेंदरी फोरलेन पुल के नीचे अवैध रेत उत्खनन, अभी नहीं जागे तो हो सकता है बड़ा हादसा - Illegal Sand excavation - ILLEGAL SAND EXCAVATION

Bilaspur Sand Mafia बिलासपुर में रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है.इसे रोकने की जिम्मेदारी खनिज विभाग की है.लेकिन आरोप ये लग रहे हैं कि अवैध खनने के खिलाफ खनिज विभाग ने आंखों पर काला चश्मा चढ़ाया हुआ है.आपको बता दें खनन माफिया फिर से उसी जगह खुदाई कर रहा है,जहां पिछले साल तीन बेटियों की डूबकर मौत हुई थी.Illegal Sand excavation

Bilaspur Sand Mafia
सेंदरी फोरलेन पुल के नीचे अवैध रेत उत्खनन (ETV Bharat Chhattisagrh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 13, 2024, 6:28 PM IST

बिलासपुर में रेत का अवैध उत्खनन (ETV Bharat)

बिलासपुर :न्यायधानी में अरपा नदी के साथ अन्याय हो रहा है.रोजाना कई ट्रक रेत अवैध खनन करके नदी का सीना छलनी करके निकाला जा रहा है.यही नहीं कोनी के तुरकडीह पुल के नीचे तक अवैध खनन करने वालों की मशीनें पहुंच चुकी हैं. बिलासपुर कोरबा फोर लेन ब्रिज के आसपास भी खुदाई बिना किसी रोकटोक के जारी है.किसी को इस बात का अंदाजा नहीं है कि पिलर के पास से यदि लगातार खनन होता रहा तो ये पुल कमजोर होगा और बारिश के समय इसका खामियाजा एक बड़ी दुर्घटना के तौर पर बिलासपुर रहवासियों को उठाना पड़ सकता है. अवैध उत्खनन रोकने के बजाए खनिज विभाग केवल रेत परिवहन करने वाले वाहनों को पकड़ कर अपने काम पूरा कर ले रही है.

ओव्हरब्रिज पर मंडरा रहा खतरा :बिलासपुर जिला खनिज विभाग अवैध रेत उत्खनन को रोक पाने में पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है. सेंदरी फोर लेन ब्रिज के पास रात के समय धड़ल्ले से रेत की अवैध रूप से खुदाई की जा रही है. रात में वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती है. अवैध खुदाई से ब्रिज के करीब 30 मीटर में 8 फीट के कई बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. इससे फोरलेन ब्रिज पर भी खतरा मंडराने लगा है.

खनन माफिया पर कब होगी कार्रवाई :बिलासपुर से कोरबा और रायपुर कोरबा हाईवे के बीच पंडरीडीह पंडरापाली फोरलेन सड़क पर ब्रिज बनाया गया था. इस ब्रिज पर 24 घंटे गाड़ियों की आवाजाही रहती है. लेकिन इस पुल के दोनों किनारे खनन माफियाओं का नया अड्डा बन चुके हैं. इस पुल के दोनों छोरों पर पूरी रात धड़ल्ले से हाईवा और ट्रैक्टर के जरिए रेत का अवैध खनन किया जा रहा है. रात भर वाहनों की आवाजाही नदी के मुहाने पर होती रहती है.लेकिन किसी भी अफसर या विभाग को अवैध खनन नहीं दिखता. रेत खनन के माफिया को पकड़ने की बजाय खनिज विभाग केवल अवैध उत्खनन से निकलने वाली रेत का परिवहन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई करती है.

अवैध खनन के खिलाफ हो रही है कार्रवाई : बताया जा रहा है कि कुछ ऊंची सोर्स रखने वाले माफिया अवैध रेत घाट चला रहे हैं. खनिज विभाग उन पर कार्रवाई करने से डरती है. रेत की अवैध खुदाई से सेंदरी फोरलेन ब्रिज के करीब 30 मीटर 7 से 8 फीट के बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं इसके बाद भी खुदाई लगातार जारी है. बिलासपुर खनिज विभाग के ज्वाइन डायरेक्टर दिनेश मिश्रा का कहना है कि विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है. लगातार अवैध रेत का परिवहन करने वाले वाहनों पर कार्रवाई जारी है. पिछले दिनों एक महीने के अंदर सैकड़ों ट्रैक्टर और ट्रकों को अवैध रेत परिवहन करने के दौरान पकड़ा गया है. लेकिन माफिया को पकड़ने की बात पर जवाब गोल गोल घुमा दिया जाता है.

'' सेंदरी फोरलेन पर बने ओवर ब्रिज के पास सतत निगरानी रखी जा रही है. यदि ब्रिज के आसपास खुदाई करता जो भी पकड़ा जाएगा तो उस पर कार्रवाई करेंगे. इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने आदेश जारी किया है कि अवैध रेत उत्खनन करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने के साथ ही इस काम में लगे वाहनों पर कार्रवाई किया जाए तभी अवैध रेत उत्खनन बंद हो सकेगा.'' - दिनेश मिश्रा, ज्वाइन डारेक्टर, खनिज विभाग

2023 में हुआ था बड़ा हादसा : आपको बता दें कि सेंदरी फोरलेन सड़क बल बने ब्रिज के पास पिछले साल अवैध खुदाई की वजह से बने गड्ढों में पानी भर जाने की वजह से तीन बहने इसमें डूब कर खत्म हो गई थी. तीनों लड़कियां घर से नहाने के लिए नदी पहुंची थी. लेकिन गलती से इन गड्ढों में नहाने चली गई, जिसमें एक के बाद एक तीनों बहन एक दूसरे को बचाने के दौरान डूबकर खत्म हो गई थी. तब ग्रामीणों ने चक्का जाम किया था. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया था. कुछ माह तक अवैध उत्खनन बंद था, जो फिर से शुरू हो गया है. यहां कई बड़े-बड़े गड्ढे अब भी बन गए हैं. जो बारिश में पानी भरने के बाद फिर से जानलेवा साबित हो जाएगा.


पहले भी हुआ है दूसरे पुल को नुकसान :रेत माफिया नदी में बने ब्रिज के आसपास खुदाई करते हैं ताकि आसानी से वह नदी से सड़क तक पहुंच जाएं. उन्हें अलग से सड़क नहीं बनना पड़े. रेत माफिया की अवैध खुदाई के कारण पहले भी कोनी रोड में बने तुर्काडीह पुल को नुकसान हुआ है. पुल के पिलर क्षतिग्रस्त हो चुके थे. रेत माफिया पुल के पिलर के नीचे से रेत निकालने लगे थे, इसकी जानकारी लगने पर पुल के निर्माण में जितनी राशि लगी थी, उतनी ही राशि लगाकर इसके पिलर का मरम्मत कराया गया था और एक बार फिर नदी के दूसरे पुल का यही हाल हो सकता है.यदि समय पर इस ओर ध्यान नहीं दिया.

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