वाराणसी :नदियों की स्वच्छता के लिए वाराणसी की आईआईटी बीएचयू में एक बड़ा कदम उठाया गया है. इसके तहत परिसर में हाइब्रिड लैब शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही वरुणा नदी के पास ऑन फील्ड लिविंग लैब की शुरुआत की जाएगी. नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय में क्लीन गंगा मिशन, डेनमार्क और आईआईटी बीएचयू के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. समझौता के तहत जल शक्ति मंत्रालय के जरिए 16.80 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि दी गई है, डेनमार्क भी इस प्रोजेक्ट में 5 करोड़ की मदद करेगा.
BHU में बनेगा नदियों के लिये लैब:बता दें, कि नदियों को स्वच्छ करना लगातार एक चुनौती का विषय बना हुआ है. जिसको लेकर जल शक्ति मंत्रालय ने आईआईटी BHU और डेनमार्क से समझौता किया है. जिसका उद्देश्य नदियों पर स्मार्ट प्रयोगशाला बनाकर दोनों देशों के एक्सपर्ट तकनीक के ज्ञान को लेकर नदियों का संरक्षण करना है. जिससे वास्तविक रूप में नदियों का परीक्षण कर उनके समस्याओं का समाधान किया जा सके.
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बनारस की वरुणा को मिलकर बचाएंगे IIT BHU और डेनमार्क; स्मार्ट प्रयोगशाला बनाकर छोटी नदियों को करेंगे जिंदा - Banaras Hybrid River Lab - BANARAS HYBRID RIVER LAB
नदियों को स्वच्छ करना चुनौती का विषय है. जिसको लेकर जल शक्ति मंत्रालय ने आईआईटी BHU और डेनमार्क से समझौता किया है. इसका उद्देश्य नदियों का संरक्षण करना है. जल शक्ति मंत्रालय ने इसके लिए 16.80 करोड़ की राशि दी है.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Aug 23, 2024, 2:09 PM IST
|Updated : Aug 23, 2024, 3:04 PM IST
समीक्षा समिति रखेगी परियोजना पर नजर :IIT BHU प्रशासन ने बताया, कि इस योजना को धरातल को बेहतर तरीके से उतारने के लिए एक परियोजना समीक्षा समिति भी बनाई जाएगी, जो इस प्रोजेक्ट की गुणवत्ता की देखरेख करेगी. इस समिति में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय भूजल बोर्ड, आईआईटी BHU और डेनमार्क के के एक्सपोर्ट शामिल होंगे. इस प्रोजेक्ट में नदियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा. विशेष रूप से जो छोटी नदी हैं, उनकी कायाकल्प से संबंधित समस्याओं और मुद्दों को दूर करना है.
इसमें वरुणा बेसिन पर बड़ा कार्य किया जाएगा.जिसके लिए अगले 24 महीने में इस परियोजना के रिचार्ज साइट और दरों की पहचान करके बेस्ट भू भौतिकी तकनीकी और गणितीय मॉडलों का प्रयोग किया जाएगा.जिससे वरुणा बेसिन के हाइड्रो जियोलॉजिकल मॉडल को डेवलप कर उसके आधार प्रवाह को बढ़या जा सके.
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