धर्मशाला:हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार सरकारी नीतियों में बदलाव कर अतिरिक्त राजस्व कमाने में सफल रही है. आबकारी नीति में बदलाव से पिछले वित्त में 2631 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया. शराब के ठेकों को विस्तार देने की प्रथा को खत्म कर ठेकों की नीलामी शुरू की गई. जिससे राज्य को पिछले साल 485 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ. ये जानकारी आयुष एवं खेल मंत्री यादविंद्र गोमा ने धर्मशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी.
खेल मंत्री यादविंद्र गोमा ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में पहली बार तहसील और उप तहसील स्तर पर विशेष राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया गया. अक्टूबर 2023 से अब तक प्रदेश में 2 लाख 9 हजार 334 इंतकाल, 11 लाख 416 तकसीम, 17 लाख 548 निशानदेही और 4504 दुरुस्ती के मामलों का निपटारा किया गया है."
दूध पर MSP देने वाला पहला राज्य
यादविंद्र गोमा ने कहा कि दूध पर समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बना है. इससे पशुपालकों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. प्रदेश सरकार द्वारा गाय के दूध पर समर्थन मूल्य 32 रुपए से बढ़ाकर 45 रुपए प्रति किलो किया गया है. जबकि भैंस के दूध पर समर्थन मूल्य 47 रुपए से बढ़ाकर 55 रुपए प्रति किलो किया गया है.
खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी
खेल मंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार खिलाड़ियों के संघर्ष को भी उचित मान-सम्मान दे रही है. राज्य सरकार ने पुरस्कार राशि में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है, ताकि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा सके. व्यवस्था से परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. पहले कोई भी खिलाड़ी कल्पना भी नहीं कर सकता था कि सम्मान राशि में इतनी बढ़ोतरी हो सकती है. शारीरिक बाधाओं को पार कर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को आम खिलाड़ियों के बराबर आठ गुना बढ़ाया गया है.
ओलंपिक, विंटर ओलंपिक और पैरालंपिक
- गोल्ड मेडल विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 3 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए की गई है.
- सिल्वर मेडल विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए की गई है.
- ब्रॉन्ज मेडल विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि को 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए किया गया है.