साल 2024 जाने वाला है और 2025 आने वाला है. ऐसे में साल 2024 की कुछ खट्टी मीठी यादों को ताजा करना भी जरूरी हो जाता है. हरियाणा में साल 2024 राजनीतिक पार्टियों के लिए कई मायनों में अहम रहा. किसी पार्टी ने परचम हवाओं के रुख को बदलने में कामयाबी पाई, तो किसी की उम्मीदें अधर में ही लटक कर रह गईं, तो किसी का सब कुछ दाव पर लग गया. कैसे रहा पॉलिटिकल पार्टियों के लिए साल 2024 एक नजर.
बीजेपी ने सीएम चेहरा बदला, विधानसभा चुनाव में किया उलटफेर
हरियाणा में 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव थे. इसको देखते हुए बीजेपी में बड़े उथल पुथल के कयास तो लगाए जा रहे थे, लेकिन वहां क्या हो सकता है, इसका किसी को अंदाजा नहीं था. विपक्ष के लगातार बढ़ते दबाव और पार्टी के खुद के सर्वों ने बीजेपी की आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए चिंता बढ़ा रखी थी.
नौ साल के सीएम मनोहर लाल से लिया इस्तीफाःबीजेपी नेलोकसभा चुनाव से पहले मार्च महीने में बीजेपी ने नौ साल से अधिक वक्त तक सीएम रहे मनोहर लाल से इस्तीफा ले लिया. इसके बाद पूरी कैबिनेट भी डिजॉल्व हो गई. लेकिन बीजेपी ने नए सीएम के चेहरे को जैसे ही घोषित किया तो सब हैरान हो गए. बीजेपी ने कुरुक्षेत्र से सांसद, पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी को सीएम घोषित कर सबको चौंका दिया. वहीं बीजेपी ने साढ़े चार साल सरकार में सहयोगी पार्टी रही जेजेपी को भी किनारे कर दिया. इसके साथ ही तत्कालीन मनोहर सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने नायब सैनी सरकार में मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था, जिसको लेकर सियासत भी खूब हुई.
नायब सैनी के लिए पहला टेस्ट था लोकसभा चुनावःइधर नायब सैनी सीएम बने तो उनका पहला टेस्ट 2024 के लोकसभा चुनाव में हुआ. बीजेपी के लिए हरियाणा में लोकसभा चुनाव कड़ी चुनौती वाला रहा. विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस इस चुनाव में आक्रामक दिखी. हालांकि कांग्रेस और विश्लेषक प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से सात से आठ सीटों को जीतने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन बीजेपी के नए सीएम चेहरे और उनके कई फैसलों की वजह से कांग्रेस और बीजेपी के बीच प्रदेश में मुकाबला पांच-पांच समाप्त हो गया. हालांकि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हरियाणा में नुकसान हुआ.
सैनी और बडौली की जोड़ी ने विधानसभा के झोंकी ताकतः लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिला. जुलाई महीने में सोनीपत सीट पर लोकसभा चुनाव हारे, राई से विधायक मोहन लाल बडौली को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया. इसके बाद सीएम नायब सैनी और मोहाल लाल बडौली की जोड़ी के नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ी और लोकसभा चुनाव के झटके के बाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई.
बीजेपी के 40 नए चेहरों ने कांग्रेस की उम्मीदों पर फेरा पानीःबीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रहीं किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भी बीजेपी में शामिल हुई. वहीं इसका तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा मिला ही, इसके साथ प्रधानमंत्री, गृह मंत्री समेत तमाम पार्टी के आला नेताओं ने प्रचार में अपनी ताकत लगाई. वहीं पार्टी ने चालीस नए चेहरों को मैदान में उतरकर कांग्रेस के सत्ता वापसी के ख्वाब को खत्म कर दिया.
90 में से 48 सीटें जीत तीसरी बार भाजपा सरकारःबीजेपी ने प्रदेश की नब्बे में से 48 सीटें जीतकर लगते प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाई. जबकि कोई भी सियासी जानकार और एग्जिट पोल इसके संकेत नहीं दे रहे थे. जीत की हैट्रिक के साथ नायब सैनी ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ शपथ 13 मंत्रियों ने भी उनके ली. शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, कई केंद्रीय मंत्री सहित एनडीए शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद रहे.
कांग्रेस का सत्ता वापसी का सपना रहा अधूराःहरियाणा कांग्रेस साल 2024 में भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बावजूद अपनी अंदरूनी लड़ाई से पार नहीं पा सकी. कई दशकों के बाद भी भी अपने संगठन को मजबूत नहीं कर पाई. इसका यह परिणाम हुआ कि लोकसभा चुनाव में 10 में से सात से आठ सीटों को जीतने की स्थिति के बावजूद पार्टी पांच सीट जीत पाई, तो वहीं विधानसभा चुनाव में उसकी आपसी लड़ाई और उसके नेताओं की बवानबाजी पार्टी पर भारी पड़ गई. नतीजा सत्ता वापसी की जो उम्मीद कांग्रेस को थी, वह ढह गई.