लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के छह चरण हो चुके हैं. अब सातवें और अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है. चुनाव शुरू होने के पहले संसद में महिला आरक्षण बिल पास कर दिया गया था. इसके तहत महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाना है. लेकिन, मौजूदा चुनाव में ऐसा कुछ दिख नहीं रहा. बात यूपी की करें तो इंडी गठबंधन (सपा-कांग्रेस), NDA (भाजपा, रालोद, अपना दल, सुभासपा) और बसपा ने कुल 23 महिलाओं को ही टिकट दिया.
भाजपा के NDA की ओर से यूपी में मात्र 9 महिलाओं को टिकट दिया गया है. वहीं इंडी गठबंधन की ओर से 11 और बसपा ने तो सिर्फ 3 महिलाओं को ही मैदान में उतारा है. वैसे देखा जाए तो इंडी गठबंधन ने यूपी की 80 सीटों में सबसे ज्यादा 11 महिलाओं को टिकट दिया है.
वहीं, बसपा ने तो मुखिया महिला होने के बाद भी 80 में से मात्र 3 सीटों पर ही महिला प्रत्याशी को उतारा है. वैसे अब 4 जून को देखना ये होगा कि यूपी की जनता इनमें से कितनी महिलाओं को दिल्ली का टिकट देती है और किसको घर बैठने के लिए कहती है.
बीजेपी+ की महिला प्रत्याशी (11.25 फीसदी)
- मथुरा से हेमा मालिनी
- धौरहरा से रेखा वर्मा
- अमेठी से स्मृति ईरानी
- सुलतानपुर से मेनका गांधी
- फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति
- बाराबंकी से राजरानी रावत
- लालगंज से नीलम सोनकर
- मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल (अपना दल)
- राबर्ट्सगंज से रिंकी कोल (अपना दल)
इंडिया गठबंधन की महिला प्रत्याशी (13.75 फीसदी)
- कैराना से इकरा हसन (सपा)
- मुरादाबाद से रुचि वीरा (सपा)
- मेरठ से सुनीता वर्मा (सपा)
- मैनपुरी से डिंपल यादव (सपा)
- हरदोई से ऊषा वर्मा (सपा)
- उन्नाव से अन्नू टंडन (सपा)
- गोंडा से श्रेया वर्मा (सपा)
- गोरखपुर से काजल निषाद (सपा)
- मछलीशहर से प्रिया सरोज (सपा)
- गाजियाबाद से डॉली शर्मा (कांग्रेस)
- बांदा से कृष्णा पटेल (सपा)