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उत्तरकाशी में क्लोनल रूट स्टॉक की हजारों पौध तैयार, बागवानों को सब्सिडी में मिलेगा सेब का प्लांट

Clonal Root Stock Apple Plants in Uttarkashi उत्तरकाशी में उद्यान विभाग ने क्लोनल रूट स्टॉक से सेब की एमएम 111 और एमएम 106 किस्म की 58 हजार से ज्यादा पौध तैयार की है. इन पौधों को बागवान सब्सिडी में खरीद सकते हैं. इस पौध की खासियत है कि 3 से 4 साल के भीतर ही पौधे से सेब की पैदावार होने लगती है.

Apple Plants in Uttarkashi
क्लोनल रूट स्टॉक की पौध

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2024, 3:18 PM IST

उत्तरकाशी: बागवानों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें सेब के क्लोनल रूट स्टॉक की पौध के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. उद्यान विभाग ने जिले में पहली बार अपनी नर्सरियों में सेब की क्लोनल रूट स्टॉक की दो किस्में तैयार की हैं. जो कि तीन साल में कम सिंचाई और सपोर्ट के बिना ही उत्पादन देने में सक्षम हैं. विभाग का दावा है कि इन किस्मों के इस्तेमाल से बागवानों की आमदनी बढ़ जाएगी.

उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिला सेब उत्पादन में पहले नंबर पर आता है. यहां करीब 9,288 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर सेब की बागवानी की जाती है. करीब 8 हजार बागवान 29 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा सेब का उत्पादन करते हैं. सेब उत्पादन के क्षेत्र में अब क्लोनल रूट स्टॉक किस्मों का बोलबाला है. जो कि 3 साल में ही अच्छा उत्पादन देना शुरू कर रही हैं, लेकिन जिले में इन किस्मों की सेब की पौध उपलब्ध न होने से बागवानों को हिमाचल प्रदेश या जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्रों से मंगानी पड़ती थी.

जिसके लिए बागवानों को प्रति पौध करीब 300 से 350 रुपए से भी ज्यादा धनराशि खर्च करने पड़ते थे, लेकिन अब उद्यान विभाग ने अपने जरमोला और द्वारी नर्सरी फार्म में ही क्लोनल रूट स्टॉक की एमएम 111 और एमएम 106 किस्म की नर्सरी तैयार कर ली है. दोनों में फार्म में 58 हजार से ज्यादा पौध तैयार हैं. जिले के 616 बागवानों ने विभाग से इन पौध की खरीद को मांग भी कर दी है. जो कि बागवानों को 50 फीसदी सब्सिडी पर मुहैया कराई जाएंगी.

तीन साल में ही सैंपल देना शुरू कर देता है पेड़:क्लोनल रूट स्टॉक से नर्सरी में तैयार सेब के पौधे को सिंचाई के लिए बहुत कम पानी और सपोर्ट की आवश्यकता पड़ती है. क्लोनल रूट स्टॉक से तैयार सेब की किस्में तीन साल में ही सैंपल देना शुरू कर देती हैं. जिससे हर सीजन में 10 से 30 किलो सेब का उत्पादन लिया जा सकता है. बता दें कि क्लोनल रूट स्टॉक के पौधों को क्लोनल जड़ों से तैयार किया जाता है. जबकि, सीडलिंग पर पौधा बीजों से किया जाता है.

"जरमोला फार्म में 40 हजार और द्वारी फार्म में सेब की 18 हजार क्लोनल रूटस्टॉक की पौध तैयार हैं. सेब काश्तकार आकर इन पौधों को ले जा सकते हैं." -डॉ. डीके तिवारी, मुख्य उद्यान अधिकारी, उत्तरकाशी

150 रुपए प्रति हिसाब से मिलेगा पौधा:मुख्यमंत्री बागवानी विकास योजना के तगह सेब काश्तकारों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. जिसमें 300 रुपए कीमत का एक पौधा काश्तकारों को 150 रुपए में दिया जाएगा. अगर उत्तरकाशी जिले में सेब उत्पादन की बात करें तो हर्षिल, नौगांव स्योरी, नैटवाड़, आराकोट क्षेत्र में सेब की पैदावार होती है.

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