उत्तरकाशी: बागवानों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें सेब के क्लोनल रूट स्टॉक की पौध के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. उद्यान विभाग ने जिले में पहली बार अपनी नर्सरियों में सेब की क्लोनल रूट स्टॉक की दो किस्में तैयार की हैं. जो कि तीन साल में कम सिंचाई और सपोर्ट के बिना ही उत्पादन देने में सक्षम हैं. विभाग का दावा है कि इन किस्मों के इस्तेमाल से बागवानों की आमदनी बढ़ जाएगी.
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिला सेब उत्पादन में पहले नंबर पर आता है. यहां करीब 9,288 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर सेब की बागवानी की जाती है. करीब 8 हजार बागवान 29 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा सेब का उत्पादन करते हैं. सेब उत्पादन के क्षेत्र में अब क्लोनल रूट स्टॉक किस्मों का बोलबाला है. जो कि 3 साल में ही अच्छा उत्पादन देना शुरू कर रही हैं, लेकिन जिले में इन किस्मों की सेब की पौध उपलब्ध न होने से बागवानों को हिमाचल प्रदेश या जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्रों से मंगानी पड़ती थी.
जिसके लिए बागवानों को प्रति पौध करीब 300 से 350 रुपए से भी ज्यादा धनराशि खर्च करने पड़ते थे, लेकिन अब उद्यान विभाग ने अपने जरमोला और द्वारी नर्सरी फार्म में ही क्लोनल रूट स्टॉक की एमएम 111 और एमएम 106 किस्म की नर्सरी तैयार कर ली है. दोनों में फार्म में 58 हजार से ज्यादा पौध तैयार हैं. जिले के 616 बागवानों ने विभाग से इन पौध की खरीद को मांग भी कर दी है. जो कि बागवानों को 50 फीसदी सब्सिडी पर मुहैया कराई जाएंगी.