शिमला:सोमवार को शिमला में आयोजित हुई विधायक प्राथमिकता की बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए 9989.49 करोड़ की वार्षिक योजना प्रस्तावित हुई है. यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक की अध्यक्षता की. जिसमें प्रथम पहले सत्र में जिला ऊना, हमीरपुर व सिरमौर के विधायकों की प्राधमिकताओं पर चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर और 10 सालों में देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल की दिशा में काम कर रही है. इस बैठक में होने वाली चर्चा से प्रदेश में विकास की दिशा तय करने के लिए बहुमूल्य सुझाव प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र को राज्य सरकार ने नीतिगत दस्तावेज के रूप में अपनाया है. इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मजबूती के साथ कार्य कर रही है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं. जिसके लिए हाल ही में विश्व बैंक के साथ 2,000 करोड़ का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया गया है.
नाबार्ड से स्वीकृत हुए हैं 918.81 करोड़:सीएम ने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं को सामान्यतः नाबार्ड संचालित आरआईडीएफ कार्यक्रम से वित्त पोषित किया जाता है. इसके तहत वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड से 918.81 करोड़ स्वीकृत हुए हैं. जिसमें पीडब्ल्यूडी की 62 व जल शक्ति विभाग की 93 विधायक प्राथमिकताएं स्वीकृत हो चुकी हैं. इसी तरह सरकार मार्च माह तक नाबार्ड से और अधिक विधायक प्राथमिकताओं को स्वीकृत करवाने के लिए प्रयास कर रही है. उन्होंने लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को नाबार्ड के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड कार्यालय में प्रतिपूर्ति दावे 15 मार्च से पहले जमा करने के निर्देश दिए हैं.
शिकायतों को निपटाने में न बरती जाए लापरवाही: मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों सहित अधिकारियों को विधायकों की उठाई गई समस्याओं एवं शिकायतों को निपटाने में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को विधायकों की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनने में होने वाली देरी को कम करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही एफसीए, एफआरए व गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं का समय पर निपटाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग और उपायुक्त भी अपने स्तर पर हर माह प्राथमिकताओं की समीक्षा करें. जिसकी इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए.
जन कल्याण के लिए काम कर रही सरकार: सीएम ने कहा कि राज्य सरकार जन कल्याण के लिए ईमानदारी से कार्य कर रही है. जिससे महिलाओं, युवाओं, किसानों और कर्मचारियों सहित समाज के सभी वर्गों को सम्मान मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि एक साल में सरकार ने तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं. पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू की गई. रोजगार सृजन के दृष्टिगत 680 करोड़ की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण में ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा श्रमिकों की दिहाड़ी 212 रुपए से बढ़ाकर 240 की गई है. वहीं जनजातीय क्षेत्रों में दिहाड़ी 266 से बढ़ाकर 294 रुपए की गई है. राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' के रूप में अपनाया है.