शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी से मनाली के बीच पुराने नेशनल हाईवे की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई है. हाईकोर्ट ने हाईवे की बुरी हालत को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई है. नाराजगी जाहिर मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि पुराने हाईवे की स्थिति व्यथित कर देने वाली है.
मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने हाल ही में कुल्लू मनाली का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने पाया कि पुराने हाईवे की स्थिति में कोई सुधार नहीं किया गया है. पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त महीने में भारी बारिश से हुए भूस्खलन का मलबा अभी तक नहीं हटाया गया है. इस दौरान सड़क को पहुंचे नुकसान की मरम्मत भी नहीं की जा रही है.
कोर्ट ने कहा कि इस फोरलेन में बनी सुरंगे ठीक तो है लेकिन इनमें उड़ रही धूल और सड़क की बुरी हालत गाड़ी चालकों की मुश्किलें बढ़ा रही है. कुछ स्थानों पर भूस्खलन के कारण सड़क तंग हो गई है, जिस पर शीघ्र प्रभावशाली कार्रवाई करने की जरूरत है. कोर्ट ने इन सभी मुद्दों पर एनएचएआई से अगली सुनवाई तक स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए. कोर्ट ने उपरोक्त स्थितियों में संभावित कदम उठाए जाने की जानकारी भी तलब की है.
हाईकोर्ट ने एनएचएआई द्वारा अवैज्ञानिक तरीके से सुरंगे और राजमार्ग बनाने पर संज्ञान लिया है. कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा था कि हाल ही में भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. भूस्खलन के कारण राजमार्गों को काफी नुकसान हुआ है और विशेष रूप से चंडीगढ़-शिमला और चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भू-कटाव के कारण यातायात के लिए बाधित रहता है.
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