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हिमाचल में कम हुए राशन कार्ड, क्या आपका भी हुआ है ब्लॉक जानें वजह - E KYC OF RATION CARDS

हिमाचल में 2 लाख 91 हजार 162 राशन कार्डों को ब्लॉक किया गया है. इससे अब उपभोक्ताओं को सस्ते राशन से हाथ धोना पड़ेगा.

हिमाचल में कम हुए राशनकार्ड
हिमाचल में कम हुए राशनकार्ड (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 22, 2025, 7:20 AM IST

Updated : Feb 22, 2025, 11:54 AM IST

शिमला: हिमाचल में पिछले कई सालों से चल रही राशन कार्डों की ई-केवाईसी प्रक्रिया को हल्के में लेना उपभोक्ताओं को महंगा पड़ा है. सरकार की तरफ से बार-बार मौका देने पर भी लाखों उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिसके कारण खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 3 जनवरी से ऐसे लोगों के राशन कार्डों को ब्लॉक करने की कार्रवाई शुरू कर दी है जिसके बाद प्रदेशभर में 2 लाख 91 हजार 162 राशन कार्डों को ब्लॉक किया गया. इससे अब उपभोक्ताओं को सस्ते राशन से हाथ धोना पड़ेगा.

ऐसे में अब उपभोक्ता राशन कार्डों को अनब्लॉक करने के लिए राशन कार्डों की ई-केवाईसी करवाने के लिए आगे आए हैं जिस पर इन राशन कार्डों को अनब्लॉक किया गया है, लेकिन अभी भी 84 हजार 837 राशनकार्ड धारकों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिस कारण प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या घटकर अब 18 लाख 47 हजार 313 रह गई है. वहीं, हिमाचल में 3 जनवरी से पहले कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 32 हजार 150 थी.

किस जिले में अभी कितने राशन कार्ड ब्लॉक

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक हिमाचल में अभी भी 84 हजार 837 राशन कार्ड ब्लॉक हैं. यानी सरकार की सख्ती के बाद अभी भी 4.39 फीसदी परिवारों ने अपने राशन कार्ड की ई-केवाईसी नहीं करवाई है. इसमें सबसे अधिक जिला कांगड़ा में 22 हजार 236 राशन कार्ड ब्लॉक हैं. इसी तरह से ऊना में 13 हजार 447, चंबा में 12 हजार 340, मंडी में 12 हजार 165, हमीरपुर में 9 हजार 484, लाहौल-स्पीति में 3 हजार 901, बिलासपुर में 3 हजार 587, शिमला में 3 हजार 220, किन्नौर में 2 हजार 109, सिरमौर में 1 हजार 161, सोलन में 1 हजार 39 व कुल्लू जिला में 148 राशन कार्ड ब्लॉक हैं.

ई-केवाईसी क्यों है जरूरी?

ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले. ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की स्थिति बेटी के विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है, लेकिन ऐसे सदस्यों के नाम अभी भी राशन कार्ड से नहीं कटे हैं. इसलिए इन लोगों के नाम राशन कार्ड से हटाने के लिए ई-केवाईसी जरूरी है, ताकि वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके. इस तरह राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की जानकारी को अपडेट करने के लिए ई-केवाईसी करवाई जा रही है.

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेन्द्र सिंह राठौर ने कहा "प्रदेश में जिन परिवारों के सदस्यों ने अभी तक ई केवाईसी नहीं करवाई है. ऐसे 84 हजार से अधिक कार्ड ब्लॉक हैं जिस कारण प्रदेश में 3 जनवरी 2025 की तुलना में राशन कार्डों की संख्या कम हुई है. अब ई-केवाईसी करवाने पर ही ऐसे राशन कार्डों को अनब्लॉक किया जाएगा."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में महिला कर्मचारियों को मिलेगा 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश, जानिए पूरी खबर

शिमला: हिमाचल में पिछले कई सालों से चल रही राशन कार्डों की ई-केवाईसी प्रक्रिया को हल्के में लेना उपभोक्ताओं को महंगा पड़ा है. सरकार की तरफ से बार-बार मौका देने पर भी लाखों उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिसके कारण खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 3 जनवरी से ऐसे लोगों के राशन कार्डों को ब्लॉक करने की कार्रवाई शुरू कर दी है जिसके बाद प्रदेशभर में 2 लाख 91 हजार 162 राशन कार्डों को ब्लॉक किया गया. इससे अब उपभोक्ताओं को सस्ते राशन से हाथ धोना पड़ेगा.

ऐसे में अब उपभोक्ता राशन कार्डों को अनब्लॉक करने के लिए राशन कार्डों की ई-केवाईसी करवाने के लिए आगे आए हैं जिस पर इन राशन कार्डों को अनब्लॉक किया गया है, लेकिन अभी भी 84 हजार 837 राशनकार्ड धारकों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है जिस कारण प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या घटकर अब 18 लाख 47 हजार 313 रह गई है. वहीं, हिमाचल में 3 जनवरी से पहले कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 32 हजार 150 थी.

किस जिले में अभी कितने राशन कार्ड ब्लॉक

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मुताबिक हिमाचल में अभी भी 84 हजार 837 राशन कार्ड ब्लॉक हैं. यानी सरकार की सख्ती के बाद अभी भी 4.39 फीसदी परिवारों ने अपने राशन कार्ड की ई-केवाईसी नहीं करवाई है. इसमें सबसे अधिक जिला कांगड़ा में 22 हजार 236 राशन कार्ड ब्लॉक हैं. इसी तरह से ऊना में 13 हजार 447, चंबा में 12 हजार 340, मंडी में 12 हजार 165, हमीरपुर में 9 हजार 484, लाहौल-स्पीति में 3 हजार 901, बिलासपुर में 3 हजार 587, शिमला में 3 हजार 220, किन्नौर में 2 हजार 109, सिरमौर में 1 हजार 161, सोलन में 1 हजार 39 व कुल्लू जिला में 148 राशन कार्ड ब्लॉक हैं.

ई-केवाईसी क्यों है जरूरी?

ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले. ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की स्थिति बेटी के विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है, लेकिन ऐसे सदस्यों के नाम अभी भी राशन कार्ड से नहीं कटे हैं. इसलिए इन लोगों के नाम राशन कार्ड से हटाने के लिए ई-केवाईसी जरूरी है, ताकि वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके. इस तरह राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की जानकारी को अपडेट करने के लिए ई-केवाईसी करवाई जा रही है.

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेन्द्र सिंह राठौर ने कहा "प्रदेश में जिन परिवारों के सदस्यों ने अभी तक ई केवाईसी नहीं करवाई है. ऐसे 84 हजार से अधिक कार्ड ब्लॉक हैं जिस कारण प्रदेश में 3 जनवरी 2025 की तुलना में राशन कार्डों की संख्या कम हुई है. अब ई-केवाईसी करवाने पर ही ऐसे राशन कार्डों को अनब्लॉक किया जाएगा."

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Last Updated : Feb 22, 2025, 11:54 AM IST
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