हमीरपुर:हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 फरवरी को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. जिसे लेकर हर वर्ग को सरकार बजट से खास उम्मीदें हैं. हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और सामने लोकसभा चुनाव हैं तो मुख्यमंत्री सुक्खू के समक्ष स्वाभाविक रूप से हर वर्ग को खुश करने की चुनौती भी है. ऐसे में कर्मचारियों की कई लंबित मांगें इस बजट में पूरी की जा सकती हैं.
'हिमाचल में कितने नियमित कर्मचारी और पेंशनर्स'
बता दें कि राज्य में नियमित कर्मचारी करीब दो लाख हैं, जबकि लगभग डेढ़ लाख पेंशनर्स हैं. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक जुलाई 2022 से चार प्रतिशत, एक जनवरी 2023 से भी चार प्रतिशत और एक जुलाई 2023 से फिर चार प्रतिशत महंगाई भत्ता लंबित है.
'SMC टीचरों को मिले अच्छा मानदेय'
हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष राजेश गौतम ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षा विभाग में बहुत से टीचर एसएमसी के द्वारा कंप्यूटर टीचर व वोकेशनल टीचर आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं. उनको अच्छा मानदेय मिल सके इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जो क्लस्टर सिस्टम को प्रदेश में लागू किया है. इसे प्रभावी बनाने के लिए इसके लिए भी बजट का प्रावधान किया जाए.
'फिजिकल एजुकेशन के टीचरों की हो भर्ती'
वहीं, एडीपीओ हमीरपुर करतार चंद ने कहा कि लंबे समय से शारीरिक शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है. सरकार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती भी करे और साथ ही बजट का प्रावधान भी किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे फिजिकल एजुकेशन से दूर न रह सकें और साथ ही टूर्नामेंट भी सुचारू रूप से हो सके.
'हिमाचल सरकार बहाल करे 4-9-14 के लाभ'
मुख्य शिक्षक नरेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान बजट में में सरकार से यही उम्मीद करता हूं कि जो कर्मचारियों को चार नौ 14 का बेनिफिट एसीपी के रूप में मिलता है उसे पुन बहाल किया जाए. उन्होंने कहा कि पूर्व में कर्मचारियों को इसका बेनिफिट नहीं मिला है इसे भी बहाल किया जाए.