डेस्क:केंद्रीय कैबिनेट की शनिवार को अहम बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने आठ बड़े नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. 935 किलोमीटर लंबे और 50 हजार करोड़ की लागत से इन आठों प्रोजेक्टों को पूरा किया जाएगा. जिन आठ प्रोजेक्टों को सरकार ने मंजूरी दी है उसमें रायपुर से रांची तक हाई स्पीड रोड कॉरिडोर और पत्थलगांव से गुमला तक फोर लेन प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है. छत्तीसगढ़ में जिस विकास के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है उससे तेज गति से प्रदेश का विकास होगा. पीएम मोदी ने पूर्व में ही कहा था कि सोशल, फिजिकल, डिजिटल इंफ्रा के दम पर भारत आने वाले 2047 तक विकसित भारत की श्रेणी में खड़ा होगा.
छत्तीसगढ़ से झारखंड तक हाईस्पीड फोर लेन होगा तैयार, विकास की बढ़ेगी रफ्तार - High Speed Four Lane Project - HIGH SPEED FOUR LANE PROJECT
केंद्रीय कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव से लेकर झारखंड के गुमला तक हाई स्पीड फोर लेन प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही रायपुर से रांची तक हाई स्पीड रोड कॉरिडोर भी बनेगा. हाई स्पीड कॉरिडोर और फोर लेन प्रोजेक्ट बनने के बाद छत्तीसगढ़ से झारखंड की दूरी बस घंटों के बीच की रह जाएगी. हाई स्पीड कॉरिडोर को मंजूरी मिलने से छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास होगा. छत्तीसगढ़ से झारखंड जाने वाले मुसाफिरों का समय और पैसा दोनों बचेगा. दोनों राज्यों के बीच की व्यापारिक दूरी भी कम होगी.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Aug 3, 2024, 5:04 PM IST
|Updated : Aug 4, 2024, 3:19 PM IST
पत्थलगांव टू गुमला, हाई स्पीड फोर लेन प्रोजेक्ट को मंजूरी:रायपुर से रांची हाई स्पीड रोड कॉरिडोर और पत्थलगांव से लेकर झारखंड के गुमला तक बनने वाले हाई स्पीड फोर लेन प्रोजेक्ट के पूरा होने से छत्तीसगढ़ के विकास को नई रफ्तार मिलेगी. हाई स्पीड रोड कॉरिडोर बनने से छत्तीसगढ़ से होने वाले माल ढुलाई और कोयला ढुलाई में आसानी होगी, समय भी कम लगेगा. हाई स्पीड परियोजना से सड़कों पर भीड़ भाड़ कम होगी. छत्तीसगढ़ की दूसरे राज्यों से भी कनेक्टिविटी बढ़ेगी. हाई स्पीड फोर लेन प्रोजेक्ट का जब निर्माण शुरु होगा तो रोजगार के नए साधन भी पैदा होंगे. सरकार की ओर से बताया गया है जो आठ प्रोजेक्ट तैयार होंगे उससे 4.42 करोड़ लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा.
कोयला और माल ढुलाई में आएगी तेजी: रायपुर से रांची राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर के 137 किलोमीटर लंबे पत्थलगांव और गुमला को पूरे कॉरिडोर को पूरा करने के लिए 4,473 करोड़ की लागत आएगी. कुल पूंजी लागत से हाइब्रिड एन्युटी मोड में विकसित किया जाएगा. हाई स्पीड कॉरिडोर से गुमला, लोहरदगा, रायगढ़, कोरबा और धनबाद में खनन क्षेत्रों और रायपुर, दुर्ग, कोरबा, बिलासपुर, बोकारो और धनबाद में स्थित औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों के बीच संपर्क बढ़ेगा.