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आचार संहिता से पहले के ट्रांसफर हाईकोर्ट ने किए निरस्त, कही ये खास बात - High Court news - HIGH COURT NEWS

आचार संहिता से पहले के ट्रांसफर हाईकोर्ट ने निरस्त की है. इसी के साथ खास टिप्पणी की है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 6:54 AM IST

लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कहा है कि आचार संहिता के लागू होने के बाद पूर्व से जारी स्थानांतरण आदेश को भी क्रियान्वित नहीं किया जा सकता. न्यायालय ने कहा कि ऐसे स्थानांतरण आदेश के क्रियान्वयन के लिए चुनाव आयोग की अनुमति आवश्यक है. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने जल संस्थान, झांसी के महाप्रबंधक के स्थानांतरण आदेश को खारिज कर दिया.

यह आदेश न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की एकल पीठ ने महाप्रबंधक मनोज कुमार आर्या की याकिका पर पारित किया. याची का कहना था कि 28 नवंबर 2023 को ही उसका तबादला झांसी से लखनऊ नगर निगम के वाटर वर्क्स डिपार्टमेंट में किया गया था. कहा गया कि 16 मार्च 2024 को अपरान्ह तीन बजे आम चुनावों की घोषणा के साथ देश में आचार संहिता लागू हो गई, उसी दिन याची का स्थानांतरण आदेश पारित करते हुए, अपरान्ह में ही उसे रिलीव कर दिया गया तथा रिलीव ऑर्डर रात को साढ़े आठ बजे उसे प्राप्त कराया गया. याची की ओर से आचार संहिता लागू होने के आधार पर स्थानांतरण व रिलीव आदेश को चुनौती दी गई. वहीं राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि 16 मार्च को आचार संहिता लागू होने से पूर्व याची का स्थानांतरण व रिलीव आदेश जारी कर दिया गया था.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि रिलीव आदेश अपरान्ह में पारित किया गया जिसका सटीक समय बताने में प्रतिवादी असफल रहा है, जबकि यह स्पष्ट है कि रिलीव आदेश रात्रि में साढ़े आठ बजे प्राप्त कराया गया. न्यायालय ने कहा कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के प्रावधानों के मुताबिक अधिसूचना जारी होने के पूर्व में पारित स्थानांतरण आदेश को भी चुनाव आयोग की अनुमति से ही क्रियान्वित किया जा सकता है. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने स्थानांतरण व रिलीव आदेश दोनों को निरस्त कर दिया है.

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