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क्रिप्टो करेंसी के मुन्नाभाईयों को नहीं मिली जमानत, 100 करोड़ के किए थे वारे न्यारे - fraud in name of crypto currency - FRAUD IN NAME OF CRYPTO CURRENCY

क्रिप्टो करेंसी में निवेश का लालच देकर 100 करोड़ की ठगी करने वाले आरोपियों को कोर्ट ने झटका दिया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ठगी के तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.

High Court rejected bail plea
जमानत याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 25, 2024, 8:59 PM IST

रायपुर:क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के आए दिन केस सामने आ रहे हैं. बावजूद इसके ठगी के मामलों पर लगाम नहीं लग रही है. बिलासपुर हाईकोर्ट में आज क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने ठगी के इस मामले में सुनवाई करते हुए तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 100 करोड़ की ठगी, जमानत याचिका खारिज: जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने सुनवाई के दौरान तीनों की जमानत याचिका खारिज हुई. कोरोना काल के दौरान कंपाउंडर की नौकरी गंवाने वाले राजनांदगांव के सुशील साहू ने बड़ा घपला किया था. आरोप है कि उसने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराने का ऐप डमी एप बनवाया. धंधे को अकेले चला नहीं सकता था लिहाजा उसने दो और लोगों की मदद ली. आरोप है कि उसने अपने फर्जीवाड़े मेों रिटायर्ड आईएएस और चार्टड अकाउंटेंट को शामिल किया.

कैसे लगाया 100 करोड़ का चूना: आरोप है कि कंपाउंडर सहित तीनों लोगों ने मिलकर आठ राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाया. लोगों को झांसे में लेकर 100 करोड़ का निवेश कराया. लोगों ने जब भारी भरकम पैसे लगा दिए तब उनको शक हुआ कि उनको बेवकूफ बनाया जा रहा है. आरोप है कि निवेशकों ने अपना पैसा वापस करने की मांग शुरु की. जब आरोपी सुशील ने पैसे लौटाने से इंकार किया तो लोगों ने केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने जांच के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जमानत के लिए आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की. इस पर आपत्ति करते हुए अधिवक्ता अंकित सिंह ने जमानत अर्जी खारिज़ करने की मांग की.

शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया था: जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने पहली सुनवाई में डीजीपी को एसआईटी टीम गठित कर जांच कर शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया था. डीजीपी ने जांच कर शपथपत्र प्रस्तुत किया. कोर्ट ने मामले की गम्भीता को देखते हुए तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज़ कर दिया.

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