प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रांतीय सिविल सेवा न्यायिक परीक्षा (पीसीएस जे) 2018 की भर्ती में लोक सेवा आयोग (Provincial Civil Service Judicial Examination) की गलती से 475 की बजाय 473 अंक देने के कारण चयन से वंचित अनुसूचित जाति की अभ्यर्थी जाह्नवी को नियुक्ति देने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि 2018 बैच में प्राप्तांक के आधार पर सेवा वरिष्ठता के साथ एक रिक्त पद पर नियुक्ति दें. याची बकाया वेतन के अलावा सेवा जनित सभी सुविधाओं की हकदार होगी.
चयन में मनमानी की उम्मीद नहींःयह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने जाह्नवी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा कि नागरिक का अधिकार सर्वोच्च है. संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के तहत नागरिक उम्मीद कर सकता है कि आयोग की चयन प्रक्रिया पारदर्शी, उचित व समान अवसर देने वाली होगी. चयन में मनमानी व अनुचित कार्य की उम्मीद नहीं की जा सकती. कोर्ट ने कहा कि किसी को हटाकर नियुक्ति का आदेश नहीं दिया जा सकता. क्योंकि 2018 बैच का एक पद रिक्त है, इसलिए याची को नियुक्ति पाने का अधिकार है.
2 अंक दिए गए थे कमःउल्लेखनीय है कि आयोग ने 2018 में पीसीएस जे के 610 पदों की भर्ती निकाली थी. लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद अंतिम परिणाम घोषित किया गया. इसके तुरंत बाद याची ने आरटीआई के तहत सूचना मांगी और कॉपी के निरीक्षण के बाद पता चला कि उसे दो अंक कम दिए गए हैं. इस पर हाईकोर्ट में समय रहते याचिका दायर की. कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया लेकिन प्रक्रियात्मक खामियों के कारण याचिका तीन साल तक लंबित रही.