प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में कॉमर्स एवं बिजनेस प्रशासन विभाग में सामान्य श्रेणी का एक पद रिक्त रखने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह चयन याचिका के निर्णय की विषयवस्तु होगा. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई होने और इसकी जानकारी होने के बावजूद चयन प्रक्रिया अंतिम निर्णय लेने के लिए टिप्पणी की कि जब मामले की सुनवाई जारी है तो विवि की कार्यकारिणी परिषद को अंतिम निर्णय लेने की जल्दी क्यों है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने दिविशा अग्रवाल उर्फ दिविशा हरकौली की याचिका पर उनके अधिवक्ता देवांश मिश्र, राहुल अग्रवाल व सुदीप हरकौली और विश्वविद्यालय के अधिवक्ता प्रतीक चंद्रा को सुनकर दिया है. कोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से याचिका पर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई के लिए पांच अगस्त की तारीख लगाई है.
याचिका में असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती में शार्ट लिस्टिंग प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं. इसी तरह के मामले में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए समान राहत की मांग की गई है. विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने यूपी पाॅवर काॅरपोरेशन बनाम नितिन कुमार के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए याचिका का विरोध किया. इस पर कोर्ट ने कहा कि अधिक अंक पाने के बावजूद आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी में मेरिट पर शार्ट लिस्ट करने से इनकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में शार्ट लिस्ट मेरिट पर नहीं की गई है, इसलिए मुद्दा विचारणीय है.