नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोडवेज वाहनों के लिए स्वीकृत रूटों को निजी संस्थाओं की बसों के संचालन की अनुमति दिए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने रोडवेज बसों के लिए निर्धारित रूटों पर प्राइवेट बसों के संचालन पर लगी रोक को जारी रखते हुए याचिकाकर्ता से शपथ पत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 मई की तिथि नियत की है.
HC ने रोडवेज बसों के रूटों पर प्राइवेट बसों के संचालन पर लगी रोक को यथावत रखा, शपथ पत्र पेश करने के दिए आदेश - operation of private buses - OPERATION OF PRIVATE BUSES
Uttarakhand High Court उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोडवेज बसों के लिए निर्धारित रूटों पर प्राइवेट बसों के संचालन पर लगी रोक को यथावत रखा है. साथ ही मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से शपथ पत्र पेश करने को कहा है. उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने मामले को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Apr 2, 2024, 3:18 PM IST
रोडवेज बसों के रूटों पर प्राइवेट बसों का संचालन:मामले के अनुसार उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश सरकार ने आचार संहिता लगने से कुछ दिन पहले रोडवेज बसों के संचालन के लिए नोटिफाइड रूटों पर प्राइवेट बसों के लिए खोल दिया गया. जबकि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच हुए समझौते के अनुसार इन रूटों पर प्राइवेट बसों के लिए संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से भी अनुमति लेनी आवश्यक है.
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फैसला उत्तर प्रदेश के साथ समझौते के विरुद्ध:याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके द्वारा दी गई आपत्तियों पर भी कोई सुनवाई नहीं की गई. इन रूटों पर प्राइवेट बसों के संचालन होने पर निगम को करोड़ों रुपए का घाटा हो सकता है. सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश के साथ पूर्व में समझौते के विरुद्ध है. इसलिए इसपर रोक लगाए जाने की मांग की गई है. मामले को लेकर रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. साथ ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए समझौते का हवाला दिया है.