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विनियमित दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के लिए खुशखबरी, रेगुलेशन से पूर्व की सेवा को पेंशन और अन्य देयकों में जोड़ने के निर्देश - nainital high court

NAINITAL HIGH COURT नैनीताल हाईकोर्ट ने विनियमित दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को बड़ी राहत दी है. दरअसल कोर्ट ने रेगुलेशन से पहले की सेवा को पेंशन और अन्य देयकों में जोड़ने के निर्देश दिए हैं. उच्च न्यायालय के इस निर्णय से हजारों दैनिक वेतन कर्मचारी लाभान्वित होंगे.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 21, 2024, 9:16 PM IST

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में विनियमित दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को राहत देते हुए विनियमितीकरण से पूर्व की सेवा को पेंशन और अन्य देयकों में जोड़ने को कहा है. यानी उन्हें पिछली सेवा से पेंशन और अन्य देयकों का लाभ देने को कहा है. इस निर्णय से प्रदेश के हजारों दैनिक वेतन कर्मी लाभान्वित हो सकेंगे. साथ ही सरकार की मनमानी पर रोक लग सकेगी. मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने वन विभाग के विनियमित दैनिक वेतन कर्मी सुरेश कंडवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्णय जारी किया.

युगलपीठ ने 14 जून को इस मामले में अंतिम सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ता की ओर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा गया कि वह वर्ष 2011 की नियमावली के तहत विनियमित सेवा में आ गया था और उसकी विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं को पेंशन के प्रयोजनों के लिये गिना जाना चाहिए.

एकलपीठ ने सुनवाई के बाद इस मामले को डबलबेंच के लिए भेज दिया गया था. याचिकाकर्ता की ओर से सर्वोच्च न्यायालय और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं को पेंशन और ग्रेच्यूटी के प्रयोजनों के लिये गिना जाना चाहिए. यानी ऐसे कर्मचारियों को विनियमितीकरण से पूर्व की सेवा से पेंशन और अन्य देयकों का लाभ मिलना चाहिए. अदालत ने याचिकाकर्ताओं के तर्कों को स्वीकार करते हुए विनियमितीकरण से पूर्व की सेवाओं से पेंशन और अन्य देयकों में लाभ देने को कहा है.

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