शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में उच्च शिक्षा निदेशक पर अवमानना का मुकदमा चलाया जाएगा. हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक से पूछा था कि बाहरी ताकतों के दबाव में आकर शिक्षकों के तबादले रोकने को लेकर क्या उपाय किए गए हैं. उच्च शिक्षा निदेशक इस बाबत कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाए. कोर्ट ने इनके इस आचरण को प्रथम दृष्टया जानबूझकर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए न्याय व्यवस्था में हस्तक्षेप पाया. कोर्ट ने शिक्षा निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.
न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि जब हाईकोर्ट ने 20 जुलाई 2021 को पारित आदेशों के तहत यह स्पष्ट किया था कि बाहरी ताकतों के दबाव में आकर कर्मचारियों के तबादले न किए जाए अन्यथा कानून का राज समाप्त होने में देर नहीं लगेगी तो ऐसे तबादले रोकने के लिए क्या किया गया. उच्च शिक्षा निदेशक इस पर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहे.
उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान एवं न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने 20 जुलाई 2021 को पारित फैसले में कहा था कि यह बड़े खेद का विषय है कि कर्मचारियों के तबादला आदेश उन लोगो की सिफारिश से हो रहे है, जिनका सरकार के प्रशासनिक कार्यों से कोई लेना देना नहीं है. इस तरह के कृत्य प्रशासन के सिद्धांतों के लिए पूरी तरह से घातक है.
न्यायालय ने कहा कि तबादला होना किसी कर्मचारी के लिए जरूरी घटना है मगर यह तबादला आदेश तय सिद्धांतों या दिशा निर्देशों के अनुरूप ही होने चाहिए. कर्मचारियों के बार बार तबादला आदेश से उनमें भय उत्पन्न करते हैं, जिससे स्वच्छ प्रशासनिक कार्य में बाधा उत्पन्न होती है. कोर्ट ने सरकार को बाहरी ताकतों के दबाव में कर्मचारियों के तबादले न करने की सलाह भी दी थी.