भोपाल। कहीं घूरे में तो कहीं झाड़ियों में ऊगने वाली जड़ी. ऐसी जड़ी जो हड्डियों से जुड़े असाध्य रोगों समेत कई बीमारियों में अमृततुल्य है. कटसरैया कहते हैं इसे. आर्युवेद में कटसरैया का पौधा वो औषधि है जो लकवे से लेकर साइटिका, गठिया, पक्षाघात समेत 84 तरह के रोगों को जड़ से खत्म कर देता है. मध्यप्रदेश के आयुर्वेदिक केन्द्र संजीवनी के वैधराज केएल बासरे कहते हैं कटसरैया नाम से ही बता देता है कि हर रोग को जड़ से काट देने वाला है ये. इसलिए इसे अमृत औषधि भी कहते हैं.
कई रोगों में रामबाण है कटसरैया
कांटेदार पौधा जो झाड़ियों में भी ऊग आता है. देखकर शायद आप भी इसे जंगली पौधा समझकर उखाड़ फेंके लेकिन आयुर्वेद की जानकारी होगी तो आप जान सकेंगे कि ये कही भी ऊग आने वाला कंटीला पौधा और कुछ नहीं अमृततुल्य औषधि है. राजधानी भोपाल के संजीवनी आयुर्वेद केन्द्र के वैद्यराज केएल बासरे कटसरैया के गुण बताते हैं. वे कहते हैं इसे आप अमृततुल्य औषधि कह सकते हैं. सबसे बड़ी खूबी कि ये हड्डियों से जुड़े रोगों में तो एकदम कारगर है. वे कहते हैं 80 से ज्यादा रोगों को जड़ से खत्म होता है. उनमें साइटिका का दर्द गठियावाथ रोग, पक्षाघात, सूजन कटसरैया इन सब रोगों में रामबाण की तरह है. वैद्यराज कहते हैं दांत के दर्द से लेकर डायबीटिज तक, पेट की गड़बड़ से लेकर खांसी जुकाम में भी फायदेमंद है.
ये भी पढ़ें: |