बिलासपुर:आंगनबाड़ी में बच्चों को फल, दूध नहीं दिए जाने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है. मंगलवरा को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट से सचिव महिला बाल विकास विभाग के शपथपत्र का तुलनात्मक मिलान करने को कहा है.
आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर कोर्ट कमिशनर ने की जांच:दुर्ग जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को फल और दूध नहीं दिए जाने की जानकारी मीडिया में आने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने इसके लिए एडवोकेट अमिय कांत तिवारी, सिध्दार्थ दुबे, आशीष बेक, ईशान वर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया. टीम ने केंद्रों में जाकर वस्तुस्थिति जानी और अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की.