नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साल 1975 के बाद से आज तक नैनीताल जिले के रामनगर से जुड़ा क्षेत्र सुंदरखाल में रह रहे लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से राज्य सरकार द्वारा वंचित करने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने वन सचिव से 4 सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. कोर्ट ने वन सचिव से पूछा कि 2014 में क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए बनाई गई कमेटी के निर्णय पर राज्य सरकार ने अब तक क्या निर्णय लिया है.
मामले के अनुसार समाजसेवी संस्था इंडिपेंडेंट मीडिया सोसाइटी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिले के सुंदरखाल में वर्ष 1975 से रह रहे ग्रामीणों को बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिसे लेकर पिछले कई वर्षों से सुंदरखाल के ग्रामीण लोग विस्थापन की मांग राज्य सरकार से करते आ आ रहे हैं.