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नेपाली मूल के निवासियों द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का मामला, राज्य सरकार स्थिति से कराएगी अवगत - NAINITAL HIGH COURT

Uttarakhand High Court नैनीताल हाईकोर्ट में आज नेपाली मूल के निवासियों द्वारा नैनीताल शहर और आसपास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और गलत तरीके से भारत के दस्तावेज तैयार करने के मामले में सुनवाई हुई. इसी बीच खंडपीठ ने राज्य सरकार से प्रकरण की स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं.

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नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 31, 2024, 5:30 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नेपाली मूल के निवासियों द्वारा नैनीताल के आसपास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और गलत तरीके से भारत के दस्तावेज तैयार कर कब्जा किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बीते 28 अगस्त को सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस प्रकरण की स्थिति से अवगत कराने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पवन जाटव ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बीते कई वर्षों से नेपाल से आए लोगों ने नैनीताल शहर व नैनीताल जिले के ग्राम सभा खुरपाताल के तोक खाड़ी स्थित बजून चौराहे के पास करीब 25 परिवार के लोगों द्वारा सरकारी व नजूल भूमि पर कब्जा करके आवासीय निर्माण कर लिया गया है.

इन लोगों ने ना ही कोई नागरिकता हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया और ना ही किसी तरीके से भारत देश की नागरिकता हासिल की. अवैध तरीके से यहां के दस्तावेज बनाकर जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइ‌विंग लाइसेंस, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, स्वास्थ्य सेवाएं कार्ड और अवैध तरीके से बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है. साथ ही वोटर लिस्ट, पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराकर पानी, बिजली के कनेक्शन भी अवैध तरीके से हासिल भी कर लिए गए हैं.

इस संबंध में कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन और राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन उनकी शिकायत का कोई निराकरण नहीं हुआ. इससे क्षुब्ध होकर उनको न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. जनहित याचिका में उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए. साथ ही जिन अधिकारियों ने उन्हें ये प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उनके खिलाफ भी विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं.

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