जयपुर: पुणे के बाद अब जयपुर में "गुइलेन-बैरी सिंड्रोम" के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. राजस्थान में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. डायरेक्टर पब्लिक हेल्थ डॉक्टर रवि प्रकाश शर्मा का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित तीन मरीज जयपुर में चिन्हित किए गए हैं. SMS मेडिकल कॉलेज की लैब में जांच में कैम्पिलोबैक्टर की पुष्टि हो चुकी है. पूरे राजस्थान में इसे लेकर अलर्ट भी कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए है. उनका कहना है कि चार मरीज संदिग्ध पाए गए थे, जिनमें से तीन मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है. ये तीनों मरीज सीकर जिले के रहने वाले हैं. चिकित्सकों के मुताबिक गुइलेन बेरी सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज है. राजधानी जयपुर के एक निजी अस्पताल से मरीजों के सैंपल सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज की लैब में भेजे गए थे और लैब में इसकी पुष्टि हुई है. इसे लेकर पूरे राजस्थान में अलर्ट कर दिया गया है.
शरीर की इम्युनिटी ही दुशमन : मामले को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल के सीनियर न्यूरो फिजीशियन डॉ. दिनेश खंडेलवाल का कहना है कि एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज है और इस बीमारी से पीड़ित होने पर मरीज में पैरालिसिस के लक्षण देखने को मिलते हैं. डॉक्टर खंडेलवाल का कहना है कि जब मरीज़ इस बीमारी की चपेट में आता है तो शरीर इस बीमारी के बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए इम्युनिटी जनरेट करता है. कई बार यह इम्युनिटी बैक्टिरिया को खत्म करने के बाद न्यूरो की पेरीफेरल नसों पर हमला कर देती है, जिसके कारण शरीर की मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता आ जाती है और कुछ मामलों में मरीज पैरालिसिस हो जाते हैं.