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लक्सर टायर फैक्ट्री मामला, आमरण अनशन पर बैठे श्रमिक की हालत बिगड़ी, हॉस्पिटल में कराया भर्ती - Laksar tyre factory - LAKSAR TYRE FACTORY

लक्सर टायर फैक्ट्री से निकाले गए श्रमिकों को आमरण अनशन पर बैठे एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन अभीतक उनकी समस्या का हल नहीं निकल पाया है. शनिवार को एक मजदूर की तबीयत भी खराब हो गई थी, जिसके हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

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लक्सर टायर फैक्ट्री मामला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 13, 2024, 5:22 PM IST

लक्सर: बीती आठ जुलाई से लक्सर में टायर फैक्ट्री के बाहर आमरण अनशन पर बैठे श्रमिकों में से एक मजदूर की हालात बिगड़ गई, जिसके बाद श्रमिक को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद मजदूर को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. वहीं, श्रमिकों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (पटेल) और अन्य संगठनों का आज 13 जुलाई को हरिद्वार जिलाधिकारी के घेराव का कार्यक्रम था, जिसे मंगलौर उपचुनाव की मतगणना के कारण स्थगित कर दिया गया.

दरअसल, कुछ दिनों पहले लक्सर में स्थित टायर फैक्ट्री के प्रबंधन ने 24 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, तभी से पीड़ित मजदूर फैक्ट्री के बाहर धरना दे रहे हैं और दोबारा से नौकरी पर रखने की मांग कर रहे है. पीड़ित मजदूरों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (पटेल) और अन्य संगठन भी आ गए थे.

धरना प्रदर्शन के दो सप्ताह बाद भी जब कंपनी ने पीड़ित मजदूरों की कोई सुध नहीं ली तो मजबूरी में मजदूरों ने बीती आठ जुलाई को आमरण अनशन शुरू किया. मजदूरों को आमरण अनशन शुरू करे हुए भी एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन अभीतक न तो प्रशासन ने और न ही कंपनी ने मजदूरों से कोई वार्ता की. इसी बीच आज शनिवार 13 जुलाई को एक मजदूर की तबीयत भी बिगड़ गई थी, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

मजदूरों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (पटेल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी कीरत सिंहने कहा कि व्यापार मंडल, बार एसोसिएशन समेत दर्जन भर से अधिक राजनेताओं और गैर राजनीतिक संगठन मजदूरों के साथ खड़े हैं.

चौधरी कीरत सिंह ने बताया कि फैक्ट्री प्रबंधन से दो दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक मजदूरों की समस्याओं को लेकर कोई हल नहीं निकला है, जिससे मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. आमरण अनशन पर बैठे श्रमिकों की हालत खराब होती जा रही है. स्थानीय प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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